साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में छात्रों का उत्पीड़न जारी

छात्रवृत्ति बढ़ाने की माँग को लेकर अक्टूबर 2022 में हुई एक हड़ताल में शामिल होने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा पाँच छात्रों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई थी, जिनमें से एक छात्र अम्मार अहमद की हालत बिगड़ गई थी। अम्मार को हार्ट अटैक आया था। उनकी हालत अभी भी नाज़ुक बनी हुई है और वह Body Paralysis का शिकार हैं। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी का हठधर्मितापूर्ण रवैया बरक़रार है और अभी भी छात्रों को निष्कासित करने का सिलसिला चल रहा है।

मुंबई यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस लर्निंग संस्थान का छात्रों के प्रति ग़ैर ज़िम्मेदाराना व्यवहार

महाराष्ट्र स्थित मुंबई यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस लर्निंग संस्थान के छात्र काफ़ी समय से समस्याओं का सामना कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि पढ़ाई के मामले में संस्थान द्वारा उनका कोई मार्गदर्शन नहीं किया जा रहा है। चाहे परीक्षा के समय का मामला हो या फिर स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करवाने की बात हो, संस्थान की तरफ़ से लगातार अनियमितताएँ की जा रही हैं।

जानिए कौन थे “मैलकम एक्स”

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मैलकम एक्स ने अपने भाषणों के ज़रिए अफ़्रीक़ी अमेरिकी लोगों में आत्मविश्वास की लहर पैदा कर दी, जिसके फलस्वरूप उनके उत्पीड़न के ख़िलाफ़ आवाज़ उठने लगी। शोषण के विरुद्ध नैरेटिव बनाने में उनका बड़ा योगदान था। ज़ुल्म के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस और नॉन कॉम्प्रोमाइज़िंग अटिट्यूड ने अफ़्रीक़ी अमेरिकियों के आंदोलन को सैलाब की तरह बना दिया जिसने शोषण पर लगाम लगाई और उनके उत्पीड़न के विरुद्ध मुखर प्रतिरोध जन्म लेने लगा।

क्या आपको कुनन-पोशपोरा याद है?

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क्या आपको कुनन-पोशपोरा याद है? --------------------------------- आज (23 फ़रवरी) के दिन भारत-प्रशासित कश्मीर में कुपवाड़ा ज़िले के दो नज़दीकी गाँव - कुनन और पोशपोरा में घटित...

भारतीय शिक्षा व्यवस्था और कहानी “6%” की

पिछले दो दशकों में भारत के शिक्षा क्षेत्र में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और नामांकन के मामले में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। इस विस्तार ने दो समस्याएं उत्पन्न कीं :- न्यायसंगत हिस्सेदारी (इक्विटी) और गुणवत्ता की कमी। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए  देश की शिक्षा व्यवस्था को उचित धन ख़र्च करने की आवश्यकता है। शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट इस दिशा में पहला क़दम हो सकता है।

आधुनिक दौर की आनंददायी ग़ुलामी

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प्राचीन दासता प्रणाली से कोसों दूर एक ऐसी व्यवस्था भी है जो एक सुखी दास का निर्माण करती है। एक ऐसा अनुबंध जिसे स्वयं ग़ुलाम भी नहीं तोड़ना चाहता। और अगर वह इसे तोड़ भी देता है, तो अपने जीवन की अनेक असुरक्षाओं का मारा एक नया ग़ुलाम उसकी जगह ले लेता है। हाँ! मैं आधुनिक रोज़गार प्रणाली के बारे में बात कर रहा हूँ - 21वीं सदी के मनुष्य के लिए एक भ्रष्ट, जानलेवा लेकिन सुखदायक प्रणाली।

शाहिद आज़मी को याद किया जाना क्यों ज़रूरी है?

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शाहिद आज़मी का पूरा जीवन यह संदेश देता है कि हमारे देश में न्याय केवल अदालतों के माध्यम से ही संभव है। अन्यायपूर्ण तरीक़े से 7 साल जेल में बिताने के बाद भी वह न्याय व्यवस्था से निराश नहीं हुए और न्यायपालिका से न्याय पाकर अपने और अन्य बेगुनाहों दोनों के लिए न्याय हासिल करके दिखाया। यही वजह है कि शाहिद आज़मी से प्रेरित होकर हज़ारों युवाओं ने वकालत का पेशा अपनाया जो आज उनके काम को आगे बढ़ा रहे हैं।

MANUU के 1800 छात्रों की छात्रवृत्ति ख़तरे में

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए इस वर्ष मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (हैदराबाद) के लगभग 1600 छात्रों ने आवेदन किया था और लगभग 200 छात्रों ने अपने आवेदन को नवीनीकृत किया था। लेकिन एक फ़र्ज़ी आवेदन को आधार बनाकर इस वर्ष उर्दू यूनिवर्सिटी के 1800 छात्रों का आवेदन निरस्त कर दिया गया है जिसकी वजह से यहां के छात्र चिंतित हैं और लगातार अपनी चिंता को व्यक्त भी कर रहे हैं।

दूसरा रास्ता (लघुकथा)

दूसरा रास्ता (लघुकथा) सहीफ़ा ख़ान दो मिनट पहले तक ख़ुशी में झूम रही सीमा अब दहशत में सुनसान सड़क पर अपनी ट्रॉफ़ी हाथ में लिए भाग...

ऑनलाइन शिक्षा: चुनौतियां एवं संभावनाएं

वर्तमान परिस्थितियों में ऑनलाइन शिक्षण एक विकल्प के रूप में हमारे सामने है और अब इसे लगभग कक्षा शिक्षण का एक पर्याय समझा जाने लगा है। इसमें कोई शक नहीं कि वर्तमान परिस्थितियों में ऑनलाइन शिक्षण का सहारा लेना अपरिहार्य है लेकिन वहीं शिक्षाविदों के लिए यह विचारणीय तथ्य है कि क्या इसे कक्षा शिक्षण का पर्याय समझा जा सकता है?