नई दिल्ली में स्थित जमाअत ए इस्लामी हिन्द के कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुवे छात्र संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इंडिया और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के कैबिनेट मेम्बेर्स ने 2 मई को अलीगढ़ पर हुवे हिंदुत्वा हमले की निंदा की और इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की. अलीगढ़ के छात्रों पर ये हमला मुसलमानों की भावनाओ पर भी हमला है. छात्र संगठन एस.आई.ओ. ने इस पूरे मामले के पीछे एक सोची समझी साज़िश को ज़िम्मेदार ठहराया है.
पिछले दिनों अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के यूनियन हॉल में लगी जिन्ना की तस्वीर को लेकर बीजेपी के आईटी सेल द्वारा अफवाहें फेलाई गई. और उनके आधार पर केम्पस पर निशाना साधा गया. पुलिस प्रशासन ने बिना अनुमति कैंपस में आये हिन्दू युवा वाहिनी के भग्वा गुंडों को गिरफ्तार करने की बजाये शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर ही लाठी चार्ज कर दिया.
एस.आइ.ओ के पदाधिकारियों का मानना है कि ये मामला जिन्ना की तस्वीर का नहीं बल्कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पे हमले का है. राज्य की प्रशासन व्यवस्था भी इस मामले पर तत्कालिक क़ानूनी कार्यवाही करने में नाकाम रही है. अबतक पुलिस ने अपराधियों पर एफ़आईआर भी दर्ज नहीं की है एवं वें आज़ाद घूम रहे हैं. इसलिए एस.आइ.ओ ऑफ़ इण्डिया इस पुरे मामले की साफ़ सुथरी न्यायिक जांच करवाना चाहती है.