मुझे बात नहीं करना है, मैं ज़िंदा हूँ! – ग्राउंड रिपोर्ट

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"नहीं, मुझे बात करना नहीं आता, ना ही मुझे चेहरा दिखाना है। कुछ नहीं हुआ मुझे। मैं ज़िंदा हूं।" ये प्रतिक्रिया है मुहम्मद...

आसिफ़ इक़बाल तन्हा : ये क़दम-क़दम बलाएँ, ये सवाद-ए-कू-ए-जानाँ

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जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट लीडर आसिफ़ इक़बाल को तन्हा करने की ख़ातिर अदालती हिरासत में भेज दिया गया लेकिन उनके साथ तो तन्हाई...

भारत में धर्म परिवर्तन और समकालीन चुनौतियाँ – १

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धर्म परिवर्तन आज के दौर में चर्चा करने के लिए एक मुश्किल विषय है। इसकी वजह सिर्फ़ ये नहीं कि माहौल डरावना और भयभीत...

मणिपुर हमारी मानवीय संवेदना पर सवाल है

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क्या आज के इस आधुनिक समाज में, जहां महिला अधिकारों की बात की जाती है, जहां सरकार ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है, वहां महिलाओं का कोई मोल नहीं कि इस भयप्रद स्थिति में उनका साथ दिया जाए और आरोपियों को गिरफ़्तार कर के सज़ा दी जाए?

“भाषण जीवियों” का खोखला नारा है आत्मनिर्भर भारत

“आत्मनिर्भरता” कोई नया शब्द नहीं है जिससे हम सभी अनभिज्ञ हों वरन् प्राचीन काल से ही लोगों के भीतर आत्मनिर्भर बनने की भावना पायी...

हाशिमपुरा हिरासती हत्याकांड के 36 वर्ष

लगभग दस वर्षों से उत्तर भारत मे चल रहे राम जन्मभूमि आंदोलन ने पूरे समाज को बुरी तरह से बांट दिया था। उत्तरोत्तर आक्रामक होते जा रहे इस आंदोलन ने ख़ास तौर से हिन्दू मध्यवर्ग को अविश्वसनीय हद तक साम्प्रदायिक बना दिया था। विभाजन के बाद सबसे अधिक साम्प्रदयिक दंगे इसी दौर मे हुए थे। स्वाभाविक था कि साम्प्रदायिकता के इस अन्धड़ से पुलिस और पीएसी के जवान भी अछूते नहीं रहे थे।

‘विश्व हिजाब दिवस’ : इस्लाम में परदे का विचार और आज़ादी की आधुनिक बहस

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पूरी दुनिया में आज़ादी की बहसों और तमाम देशों द्वारा इस वैश्विक सिद्धांत को स्वीकार करने के बावजूद आज औपनिवेशक शक्तियों द्वारा मुसलमानों को...

कोविड ने हमें पर्यावरण के प्रति कितना संवेदनशील बनाया?

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हम सभी जानते हैं कि पर्यावरण पर बहुत बड़ा संकट मंडरा रहा है और पर्यावरण संकट का अर्थ है हमारे अस्तित्व पर संकट। लॉकडाउन में जो भी चीज़ें ठीक हुई हैं, वे भले ही थोड़े दिन के लिए हैं लेकिन अनजाने में इस लॉकडाउन ने हमें समझा दिया है कि अगर हम एक साथ चाहें तो अभी भी अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को संवैधानिक मूल्यों पर आधारित, समावेशी और भेदभाव रहित होना चाहिए...

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मुख्य अंश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 को संवैधानिक मूल्यों पर आधारित, समावेशी और भेदभाव रहित होना चाहिए : एसआईओ एसआईओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लबीद...

15 दिसंबर का दिन अलीगढ़ की सामूहिक स्मृति में दर्ज है

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15 दिसम्बर 2019, ये वो दिन है जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की सामूहिक स्मृति में अपनी अलग ही छाप छोड़...