फ्रैटर्निटी मूवमेंट ने की अखिल भारतीय ‘नागरिक आत्मसम्मान यात्रा’ की घोषणा

देश में नया नागिरकता क़ानून लाया गया है जो धर्म के नाम पर लोगों में विभेद पैदा कर रहा है। इसी संविधान विरोधी क़ानून के ख़िलाफ़ फ्रैटर्निटी मूवमेंट द्वारा देशव्यापी अभियान 'नागरिक आत्मसम्मान यात्रा' चलाने का निर्णय लिया गया है।

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नागिरकता क़ानून CAA के ख़िलाफ़ ‘फ्रैटर्निटी मूवमेंट’ द्वारा देशव्यापी अभियान ‘नागरिक आत्मसम्मान यात्रा’ निकाला जा रहा है जिसकी औपचारिक घोषणा 20 फरवरी को दिल्ली के प्रेस क्लब में की गई।

फ्रैटर्निटी मूवमेंट का ये मानना है कि हिंदुस्तान की सबसे बड़ी खूबसूरती उसकी विविधता है और विविधता की इस ख़ूबसूरत विरासत को हमसे छीनने का प्रयास किया जा रहा है। देश में नया नागिरकता क़ानून लाया गया है जो धर्म के नाम पर लोगों में विभेद पैदा कर रहा है। इसी संविधान विरोधी क़ानून के ख़िलाफ़ फ्रैटर्निटी मूवमेंट द्वारा देशव्यापी अभियान ‘नागरिक आत्मसम्मान यात्रा’ चलाने का निर्णय लिया गया है।

इस प्रेस वार्ता और कार्यक्रम में जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समेत दूसरे अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के छात्रों ने प्रतिनिधित्व किया। इस अवसर पर देशभर में CAA और दूसरे सामाजिक मुद्दों पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने CAA क़ानून और संवैधानिक संकट पर चर्चा की और नए नागरिकता क़ानून को संविधान विरोधी बताया।

गुरुवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में दोपहर 3 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में फ्रैटर्निटी मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंसार अबूबकर, हैदराबाद के सामाजिक कार्यकर्ता लईक अहमद खान, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अब्दुल्लाह अज़्ज़ाम, UAH के ख़ालिद सैफ़ी, क्विल फाउंडेशन के रिसर्चर फवाज़ शाहीन, जामिया के छात्र विशाल प्रसाद, क़ासिम, आसिफ़ तन्हा, केरल से आईं सिफवा, असम की हसीना अहमद, जामिया की छात्रा जमीला फ़िरदौस आदि शामिल रहे और अपने विचार व्यक्त किया।

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