दुष्प्रचार का हथियार है ‘द केरला स्टोरी’

‘द केरल स्टोरी’, फ़िल्म द कश्मीर फ़ाइल्स की तर्ज़ पर बनाई गई है, जिसमें अर्धसत्य दिखाए गए हैं और मुख्य मुद्दों को परे रखकर नफ़रत फैलाने और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। कश्मीर फ़ाइल्स को गोवा में आयोजित 53वें अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह की जूरी के प्रमुख ने प्रचार फ़िल्म बताया था। जूरी के एक अन्य सदस्य ने इसे अश्लील कहा था।

बिहार दिवस विशेष: भारतीय इतिहास की मज़बूत जड़ों में है बिहार

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बारी अंग्रेज़ों से संघर्ष की आई तो भला फिर बिहार कैसे पीछे रह सकता था! वीर कुंवर सिंह, पीर मुहम्मद मूनिस, रास बिहारी, मौलाना मज़हरुल हक, बैकुंठ शुक्ल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को कौन भूल सकता है! अहिंसा के प्रतीक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब दक्षिण अफ़्रीका से लौटे तो उन्होंने अपने सत्याग्रह की शुरुआत बिहार के चंपारण से की।

जानिए कौन हैं अली मानिकफ़न जिन्हें पाकर पद्मश्री भी धन्य हो गया!

लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप में रहने वाले अली मानिकफ़न उन 102 प्रतिष्ठित भारतीयों में से एक हैं, जिन्हें इस वर्ष देश के चौथे सर्वोच्च...

मैं तुम्हारी भाषा से प्यार करता हूँ!

आज 21 फरवरी है। आज विश्व मातृभाषा दिवस है। इस दिन हमें अपनी भाषा से प्यार का इज़हार करना चाहिए, इस दिन हमें दुनिया...

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय साहित्य समारोह का समापन

अलीगढ़ | अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ‘यूनिवर्सिटी डिबेटिंग एण्ड लिटरेरी क्लब’ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय साहित्य समारोह का आज समापन हुआ। यह साहित्य समारोह...

 ‘आह्वान’

ओ दुपहरी, नींद से जागो; सुना है, यह सुना है रात पर पहरे बढ़ेंगे, और दिन पर भी उन्हीं का राज होगा। टूट जाएंगी सभी अवधारणाएं, और बहुमत को...

प्रकृति का लेखक लड़का

17 जनवरी 2016 को देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी HCU में एक ऐसी घटना हुई, जिसके बाद पूरा छात्र समुदाय अचंभित था. एक दलित...

कासगंज

पिछले साल गणतंत्र दिवस की संध्या पर यूपी के कासगंज में हुई हिंसा को आप भूले नहीं होंगे. कथित रूप से RSS से...

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में महिला साहित्य उत्सव  “रेज  योर वॉइस”  का आयोजन 27 फरवरी...

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर योर वॉइस, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पीआरओ ऑफिस के साथ मिलकर एक दिवसीय महिला साहित्य उत्सव "रेज योर...

कार्ल मार्क्स पर शायर ए मशरिक ने क्या कहा..!!

अल्लामा मोहम्मद इकबाल अपने दौर के बड़े फलसफी और विचारक थे. उन्होंने सिर्फ अपने दौर की विचारधारा एवं दार्शनिकों को ही नहीं बल्कि इतिहास...