किताबों का मेला, मेले में हम

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किताबों ने हमारे भीतर काफ़ी कुछ बदला है- सिर्फ़ उस ज्ञान से नहीं, जो उनमें दर्ज होता है, बल्कि पठन-पाठन की उस प्रक्रिया से भी जिसमें आंख और मस्तिष्क के बीच बनने वाले अक्षर, शब्द, वाक्य और उनके अर्थ बहुत सहजता से हमारी चेतना का हिस्सा बन जाते हैं। ठोस तस्वीरों और छवियों में हम बस भोक्ता होते हैं, जबकि शब्दों में हमारी कल्पना का निवेश भी होता है। इसी प्रक्रिया में हम पाठक होते-होते लेखक भी होते चलते हैं।

फणीश्वर नाथ रेणु : धरती का धनी कथाकार

साहित्य चाहे किसी भी भाषा अथवा बोली में रचा जाए, उसका महत्व तभी है जब उसमें अतीत से मिले सबक हों और बेहतर भविष्य के निर्माण की परिकल्पना। हिंदी साहित्य में ऐसे रचनाकार जिनकी रचनाओं में यह बात स्पष्ट दिखती है, उनमें फणीश्वर नाथ रेणु अग्रणी हैं। इसकी ख़ास वजह यह कि उनकी रचनाओं में वर्तमान के द्वंद्व तो होते ही हैं लेकिन एक बुनियाद भी होती है जिसके सहारे वह बेहतर समाज के निर्माण का सपना संजोते हैं।

दूसरा रास्ता (लघुकथा)

दूसरा रास्ता (लघुकथा) सहीफ़ा ख़ान दो मिनट पहले तक ख़ुशी में झूम रही सीमा अब दहशत में सुनसान सड़क पर अपनी ट्रॉफ़ी हाथ में लिए भाग...

अर्थशास्त्र के इस्लामीकरण के ध्वजवाहक, प्रोफेसर नजातुल्लाह सिद्दीकी का निधन

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-डॉ मुहम्मद रज़ी उल इस्लाम नदवी सुबह में, यह बताया गया कि प्रोफेसर मुहम्मद नजतुल्लाह सिद्दीकी साहब का निधन हो गया था। तुरंत जुबान...

विकास ढूंढ़ता हूँ मैं…..

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मैं अखबार पढ़ते ना जाने क्यों अपने देशका विकास ढूंढता हूँविकास हमारे मोहल्ले का खोया हुआकोई नन्हा बालक नहीं है,विकास हमारी प्रगति का है,विकास...

लघुकथा:सरकार की नीति

" आइए मित्तल साहब …बैठिए , बैठिए …सब खैरियत ? "" साहब ! ….वो टैक्स वाला मामला सेटल हो जाता तो … "" हो...

पुस्तक समीक्षा: ठिठुरते लैम्प पोस्ट

अदनान कफ़ील 'दरवेश' का ताज़ातरीन और पहला कविता-संग्रह 'ठिठुरते लैम्प पोस्ट' पढ़ा। किताब में कुल 97 कविताएँ हैं, जिनमें अच्छी या कम अच्छी जैसी...

[कविता] पानी पर लिखा जाता है इतिहास

“और हमने पानी से जीवन को पैदा किया”1 बहती नदियां सभ्यताओं की जननी हुईं, और पानी में दफ़्न पुराने शहर, आदमी के अस्तित्व के रहस्यों के संग्रह...

[कविता] मेरे जूते को बचाकर रखना

मेरे जूते को बचाकर रखना,संभाल कर रखना इसे कल के लिए -मलबे के बीच दम तोड़ रहे कल के लिए। मेरे जूते को बचाकर रखना,ग़म...

विश्व शांति दिवस और निशान ए मीर

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आज विश्व शांति दिवस है तो आज ही मीर तक़ी मीर के गुज़रने का दिन भी । मेरे लिए इन दोनों वजहों से आजका...