17 जून को मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद मुर्सी की अदालत में पेशी के दौरान आकस्मिक मौत के बाद दुनिया भर से उनके लिए न्याय की मांग उठी।
शुक्रवार को भारत के नागरिक और छात्र संगठनों ने मिलकर मिस्री दूतावास पर उनके लिए न्याय की मांग करते हुवे प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने लगभग 100 से ज़्यादा लोगों को डिटेन कर लिया और उन्हें मंदिर मार्ग थाने में अभी रखा हुआ है।
प्रदर्शनकारियों ने मिस्र में चल रही तानाशाही का भी विरोध किया और भारत समेत सभी लोकतांत्रिक देशों से वहां लोकतंत्र बहाल किए जाने पर बात रखने की भी मांग की।
याद रहे मुहम्मद मुर्सी 2012 में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए पहले राष्ट्रपति थे। मुर्सी प्रसिद्ध इस्लामी संगठन इख्वानुल मुस्लिमीन के मुख्य नेताओं में से एक थे। जिन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद देश की उन्नति के लिए कई ढेरो काम किए।
2013 में सेना ने तख्तापलट किया और राष्ट्रपति मुर्सी को सत्ता से बेदखल कर जेल में डाल दिया। जहां उनपर लगातार अत्याचार किए जाते रहे है। यहां तक वें 17 जून सोमवार को अदालत में पेशी के वक्त गिर पड़े और इस दुनिया को छोड़ कर चले गए।
इसके बाद दुनिया भरें मुसलमानों समेत न्याय पसंद और लोकतांत्रिक लोगों ने उनकी इस आकस्मिक मृत्यु का विरोध किया और उनके लिए न्याय की मांग की।