एस आई ओ ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय छात्र अधिवेशन के दूसरे दिन का आखरी सेशन में विभिन्न मुस्लिम संगठनों का नेतृत्व स्टेज पर भविष्य में मुसलमानों का घोषणापत्र तेयार करने के लिए बैठा हुआ है।
सेशन का उद्घाटन एस आई ओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहास माला अपने भाषण से कर रहे थे।
जिसमें वह मुसलमानों से विशेषत: युवाओं को कुछ निर्देश दे रहें है और देश के हालात का अवलोकन भी कर रहे हैं
प्रस्तुत है नहास माला के भाषण के कुछ बिंदु–
- मुसलमान बीजेपी या किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देना छोड़ें और अपने असल मुद्दों पर फोकस करें।
- भारतीय Democracy रूप बदलकर अब Demogogue (अवधारणा जिसका उपयोग लोकतंत्र के विपरीत अर्थ में किया जाता है) बनती जा रही है ।
- लोकतंत्र में हर नागरिक को जो मौलिक अधिकार हासिल होते हैं उनके लिए उसे भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि वो अधिकार उसका हक होते हैं।
- आज देश में हिंदुत्ववादी वर्चस्व में नफरत का प्रभाव बहुत बढ़ गया है लेकिन छात्र संगठन SIO अपने स्टेज से मोहब्बत का पैग़ाम आम करना चाहती है।
नहास माला ने कहा कि ‘ उन्होंने कविता के रूप में कुछ पंक्तियां सुना कर अपनी बात ख़त्म की
जंग मशरिक में हो या मगरिब मे
नस्ले आदम का खून है आखिर
हत्या अफराजुल की हो या शंभुलाल की
नस्ले इंसानी का खून है आखिर