- मंगलवार को लोकसभा में एक संविधान संशोधन बिल पास किया गया.
- जो शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमज़ोर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण सुनिशिचित करेगा
- आरक्षित सीटों का कौटा 59% कर दिया जाएगा
आज SIO के राष्ट्रीय अध्यक्ष लबीद शाफी ने सरकार द्वारा शिक्षा एवं रोज़गार के भीतर आर्थिक आधार पर कमज़ोर वर्ग को आरक्षण दिए जाने के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है. शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर कमज़ोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण सुनिशिचित करने के लिए मंगलवार को लोकसभा में एक संविधान संशोधन बिल पास किया गया, जिसके बाद आरक्षित सीटों का प्रतिशत 59 कर दिया जाएगा.
लबीद शाफी ने कहा की सविंधान की आरक्षण योजना उन वर्गों के लिए सामाजिक न्याय को सुनिशिचित करती है जिनके साथ एतिहासिक तौर पर भेदभाव हुआ और जिन्होंने ने पूर्व में बहिष्कार का सामना किया. आरक्षण को कभी भी आर्थिक सुधारों के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है, और न ही ये देश में रोज़गार और उसके अवसरों के अकाल को ख़त्म कर सकता है. आर्थिक रूप से कमज़ोर सवर्णों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करना सत्ताधारी पार्टी का स्वार्थी और अवसरवादी निर्णय है. सरकार अर्थवयवस्था को संचालित करने और देश के युवा को रोज़गार उपलब्ध करवाने में नाकाम रही. इस आर्थिक विपत्ति का सामना करने के बजाए सरकार आम चुनावों से ठीक पहले आर्थिक रूप से कमज़ोर सवर्णों के लिए आरक्षण लाकर असल मुद्दे से भटकाना चाहती है.
लबीद शाफी ने इस फैसले को चुनावी समर में वोटों के लिए गया एक खतरनाक राजनेतिक फैसला बताया जो संविधान की सामाजिक न्याय की योजना को बर्बाद कर देगा.
लबीद शाफी ने देश के छात्रों और युवाओं को इस कमज़ोर सरकार के स्वार्थी फैसले के विरुद्ध खड़ा होने का आह्वान किया जो अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए संविधान के ढांचे और आत्मा से खिलवाड़ कर रही है.