भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार पिछले सप्ताह दिए गए जबकि सबसे अंत मे 9 अक्टुबर को अर्थशास्त्र मे नोबल पुरस्कार की घोषणा की गई।
1968 से अर्थशास्त्र के क्षेत्र मे नोबल पुरस्कार दिया जा रहा है। 2017 मेँ 79वां पुरस्कार अमरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड थालर को दिया गया अवार्ड के रूप इन्हे मे 9 मिलियन स्वीडिश क्रोन (1.1 मिलियन डालर) दिए गए।
नोबल के दावेदारो की सुची मे उन प्रतिभाओं को शामिल किया गया था जिनहोने “आर्थिक निर्णय लेने में मनोवैज्ञानिक मान्यताओं को शामिल” करने पर अपना शोध किया था।
पुरस्कार देने वाली संस्था ने कहा कि थालर के शोध का अर्थशास्त्र के साहित्य में हमेशा उल्लेख किया जाता रहेगा, क्योंकि उनकी अंतर्दृष्टि ने लोगों को आर्थिक स्थिति को पहचानने और खराब आर्थिक फैसले से बचने में मदद की है।
उन्होंने कहा कि उनके काम ने आर्थिक अनुसंधान और नीति के कई क्षेत्रों पर गहरा असर डाला है।
उनके शोध से पता चला कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में, किसी व्यक्ति की जानकारी की सीमाएं, साथ ही साथ सामाजिक मान्यताओ के परिणाम और आत्म नियंत्रण की कमी, लोगों के फैसले और बाजार के परिणामों को प्रभावित कर सकती है। प्रोफेसर रिचर्ड की किताब Nudge theory को यु एस की कम्पनियों ने अपनी पेशंन पॉलिसी मे लागु किया है और साथ मेँ विश्व के और भी कई देशो ने इनके सिद्धांतो को अपनाया है।
Advances in Behavioral Finance जैसी कई किताबे लिख चुके व्यवहारिक अर्थशास्त्री थालर , व्यवहारिक विज्ञान और अर्थशास्त्र के विशिष्ट प्रोफेसर हैं, और शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिज़नेस विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर डिसीज़ मेँ होने वाली रिसर्चों के निर्देशक हैं।
प्रोफेसर थालर ने सोमवार को अपने सिद्धांतों के मूल आधार पर चर्चा करते हुए कहा कि “अच्छा अर्थशास्त्र करने के लिए आपको ध्यान रखना होगा कि जनता मानव हैं”।
तारिक खान