सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस शादी को अमान्य नहीं करार दिया जा सकता.!!
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा हादिया के पिता को उसे घर में जबरन कैद करने का अधिकार नहीं है…
हादिया मामले में उसके पति शफीन जहां द्वारा दी गई अर्जी पर आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याद रहे केरल हाईकोर्ट ने हादिया के पिता द्वारा शफीन पर जबरन इस्लाम कबूल करवाने के आरोप के बाद इनकी शादी को अमान्य करार दिया था तथा इस मामले में एनआईए को जांच के आदेश दिए थे। जबकि हादिया जबरन इस्लाम कुबूल कराए जाने से साफ इंकार कर चुकी है। और तब से 24 वर्षीय हादिया अपने पिता के घर में कैद है।
आज सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले पर कई प्रश्न खड़े किए, कहा कि कैसे हाई कोर्ट एक शादी को अनुच्छेद 226 के खिलाफ रद्द सकता है.!?
जब एनआईए द्वारा तर्क दिया गया कि यह मामला लव जिहाद से संबंधित है, तो जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा “संबंध हो या ना हो, हम यह जानना चाहते हैं कि केरल हाईकोर्ट ने कैसे इस शादी को अमान्य कर दिया.!?
हादिया के लिए लोको पेरेंट्स या किसी सुरक्षित स्थान की व्यवस्था की जानी चाहिए, लेकिन उसके पिता को उसे जबरन घर में रखने का अधिकार नहीं है।
शफीन के वकील दुष्यंत देव ने कहा “हादिया की शादी के मामले में एनआईए की जांच देश की बहू धार्मिक संस्कृति पर एक गहरी चोट है।”
फैसला होना तो अभी बाकी है इस केस की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी।
उधर आज त्रिवेन्द्रम में ‘सिटीज़न्स फॉर हादिया’ के बैनर तले केरला सचिवालय मार्च ‘ भी आयोजित किया गया। और हादिया की रिहाई की मांग की ।
अज़हर अंसार