तबलीगी जमात और मरकज निजामुद्दीन के खिलाफ जारी मीडिया और सोशल मीडिया मुहिम इंसानी गिरावट की इंतहा है
इस अजीम इंसानी बोहरान को गंदी सियासत के लिए और फिरका वाराना तफरीक की खातिर इस्तेमाल करना बजाते खुद एक शर्मनाक जुर्म है
तबलीगी जमात के जेरे बहस प्रोग्राम के वक्त और उसके बाद मुल्क के हर गोशे में उससे कहीं बड़े मजहबी और गैर मजहबी प्रोग्राम हुए हैं
और नामवर सियासत दानों की सरपरस्ती में हुए हैं
इन सब को नजरअंदाज करके जिस तरह मरकज निजामुद्दीन को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है उससे यह पता चलता है कि हमारी बहसो का मेआर किस हद तक गिर चुका है
इस शर्मनाक मुहिम की सख्ती से मजम्मत होनी चाहिए
अगर मरकज निजामुद्दीन के किसी ओहदे दार के खिलाफ इस मसले की वजह से FIR हो सकती है तो उससे पहले मरकजी और रियासती हुकूमत के जिम्मेदारों के खिलाफ FIR होनी चाहिए जिनकी बद नज़्मी की वजह से लाखों मजदूर आनंद विहार बस अड्डे और दूसरी जगहों पर लॉक डाउन के बाकायदा आर्डर के बाद जमा हुए
इसी तरह उन सब ओहदेदारों के खिलाफ FIR ज्यादा जरूरी है जो रिपोर्टों के मुताबिक तबलीगी जमात के जिम्मेदारों के कई खत के जवाब में भी खामोश बैठे रहे
हम इस मीडिया मुहिम की मजम्मत करते हैं
हम सब तबलीगी जमात और मरकज निजामुद्दीन के साथ हैं
इस मौके पर मुसलमान और उल्मा और अकाबीर के बयानात को पुरजोर तरीके से सामने लाना चाहिए
जो इस वबा के मुकाबले के लिए जारी किए जाते रहे हैं
और उन अजीम ख़िदमात का भी तारुफ होना चाहिए जो मुसलमान और उनकी मुख्तलिफ तंजीमे इस वबा की रोकथाम और मुतासिरीन के मसाईल को हल करने के लिए कर रही हैं
और बिना तफरीक तमाम हिंदुस्तानी भाइयों और बहनों के लिए कर रही है
और शाइस्तगी के साथ लोगों को इस बात की तरफ मुतवाज्जा करना चाहिए
कि यह वक्त ऐसी सियासत का नहीं बल्कि मुत्ताहिद होकर इस बीमारी के मुकाबले का है
हम आखिर में एक बार फिर इस पर प्रोपेगंडा की पुरजोर मुखालफत करते हैं
और इस मुसीबत की घड़ी में तबलीगी जमात के साथ खड़े हैं