बीते कुछ दिनों में आपने देखा होगा की अरब के लोग लगातार भारत में मुसलमानो के खिलाफ पनप रही विचारधारा के विरुद्ध ट्वीटर के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.भारतीय मुसलमानों पर हो रहे हमले नए नहीं हैं,लगातार यहां मुसलमानों को प्रताड़ित किया जाता रहा है लेकिन सोचने का विषय ये है की हर बार खामोश रहने वाले अरब के मुसलमान अचानक जागकर ये प्रतिक्रियाएं देने पर क्यों मजबूर हुए और जब प्रतिक्रिया देने लगे तो भाजपा नेताओं समेत अनेकों ऐसे नफरती ट्वीट्स के स्क्रीन शॉटस अरबियों द्वारा ट्वीट किए गए जिन्हे पांच साल पहले तक ट्वीट किया गया था.
रविवार को दुबई में रहने वाली एक व्यापारी महिला नूरा अल-घुरैर और क़ुवैत के सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुर्रहमान नासर ने भारत के लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या के एक विवादित ट्वीट को शेयर किया था जो अब संयुक्त अरब अमीरात में सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है.
ये विवादित ट्वीट हालांकि पाँच साल पुराना है और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या इस ट्वीट को डिलीट कर चुके हैं, और इसके स्क्रीन शॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं
हम इस पूरे मामले को समझने का प्रयास करेंगे की आखिर अरब के लोग अचानक इस तरह के ट्वीट्स कैसे और क्यों करने लगे ?
करीब सप्ताह भर पहले सौरभ उपाध्याय नाम के एक ट्विटर यूज़र के स्क्रीनशॉट संयुक्त अरब अमीरात में सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने लगे थे.
सौरभ उपाध्याय के ट्विटर प्रोफ़ाइल के अनुसार (जो अब बंद हो चुकी है) वे एक पॉलीटिकल कैंपेन मैनेजर हैं और उनकी लोकेशन दुबई बताई गई थी.
सोशल मीडिया पर दुबई के कई यूज़र्स ने पुलिस को टैग करते हुए लिखा कि ‘सौरभ हिंदू-मुस्लिम एजेंडा चला रहे हैं और भड़काऊ सामग्री परोस रहे हैं.’
इस क्रम में यूएई में रह रहे कुछ अन्य भारतीयों की भी ट्विटर के ज़रिए पुलिस से शिक़ायत की गई जो भारत में कोरोना वायरस फैलने की वजह मुसलमानों को मानकर अपनी भड़ास निकाल रहे थे.
इसी दौरान सौरभ ने एक ट्वीट किया जिसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर भी हो रहा है, जिसमें लिखा है, “मध्य-पूर्व के देश जो कुछ भी हैं वो हम भारतीयों की वजह से हैं जिसमें 80 फ़ीसदी हिंदू हैं. हमने कूड़े के ढेर से दुबई जैसे शहरों को खड़ा किया है. और इस बात का मान यहाँ का शाही परिवार भी करता है.”
स्क्रीनशॉट्स के अनुसार, इससे पहले सौरभ ने लिखा था कि “मुसलमान दुनिया से 1400 साल पीछे जी रहे हैं.” कुछ लोगों ने उनके इन ट्विट्स पर आपत्ति दर्ज कराई तो सौरभ ने उन्हें भी चुनौती दी.
अरब के लोगों के गुस्सा फूटना का यही एक कारण नहीं था इसके अलावा गल्फ़ न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल के दिनों में मध्य-पूर्व में नौकरी करने वाले जिन भारतीयों ने सोशल मीडिया के ज़रिए मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने की कोशिश की, उन्हें नौकरी से निकाला गया है.
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में शारजाह मे स्थापित एक नामी भारतीय व्यापारी को अनजाने में धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी. लोगों ने उनपर ‘इस्लामोफ़ोबिया’ फ़ैलाने का आरोप लगाया था.
उन्होंने लिखा, “संयुक्त अरब अमीरात में जो भी नस्लभेद या भेदभाव करता पाया जाएगा, उसपर जुर्माना लगेगा, साथ ही देश छोड़ने के लिए कहा जाएगा. और ये रहा एक उदाहरण.”
हेंद अल-क़ासिमी ने यह भी लिखा, “शाही परिवार बेशक भारतीय लोगों को दोस्त मानता है, लेकिन किसी की बेअदबी का स्वागत नहीं किया जा सकता. यूएई में बहुत से लोग अपनी रोज़ी-रोटी कमाने आये हैं, पर अगर आप इस ज़मीन को ही कोसने लगेंगे, तो यहाँ आपके लिए कोई जगह नहीं है.”
मामला यूएई में बैठे कुछ हिन्दुओं के ट्वीट्स करने से शुरू हुआ था लेकिन धीरे धीरे ये मामला इतना बढ़ा की बात भारत में मुसलमानों पर हो रहे ज़ुल्म तक आ गयी,इस दौरान कई भारतीयों ने अरब के लोगों के द्वारा किए जा रहे ट्वीट्स को सम्मान देते हुए भारत में मुसलमानों पर हो रहे ज़ुल्म और भारत में इस्लामोफोबिया जैसे ट्वीटर ट्रेंड चलाए. इस दौरान कई अरब के लोगों ने भारत में मुसलमानों पर हो रहे अत्यचार को गंभीर बताया नामी सऊदी स्कॉलर अबीदी ज़हरानी ने अपील की है कि खाड़ी देशों में काम करने वाले उन कट्टरवादी हिंदुओं की पहचान की जाए जो इस्लाम के ख़िलाफ़ नफ़रत भड़का रहे हैं, और उन्हें वापस उनके देश भेजा जाए.इस पूरे मामले का असर यूएई में रह रहे हिन्दुओ पर पड़ने की संभावना भी जताई जाने लगी बीदी ज़हरानी जैसे कुछ विचारकों की इस तरह की अपील के बाद यूएई में बहुत से लोग चुनिंदा भारतीय नौकरीपेशा लोगों के डिटेल ट्विटर और फ़ेसबुक पर शेयर कर रहे हैं जिससे खाड़ी देशों में रह रहे भारतीयों की चिंता बढ़ी है.
कुछ राजनितिक चिंतक ये मानते हैं की भारत सरकार को अरबियों की इन प्रतिक्रियाओं को हल्के में नहीं लेते हुए ठोस कदम उठाने चाहिए। जब ये मामला शुरू हुआ तो प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्वीटर हेंडल से भारत में एकता और सद्भावना का संदेश भी भेजा गया जिसे लोगों ने इस ट्वीटर ट्रेंड की प्रतिक्रिया बताया।