एनसीईआरटी द्वारा किताबों में हेरफेर का सिलसिला जारी, मौलाना आज़ाद का उल्लेख हटाया
रिपोर्ट
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा पाठ्य-पुस्तकों में बदलाव का सिलसिला जारी है। इस दफ़ा एनसीईआरटी ने 11वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताब से प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के नाम का उल्लेख हटा दिया है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के भारत में सशर्त विलय पर भी बड़े बदलाव किए गए हैं।
पिछले साल से एनसीईआरटी ने स्कूली कोर्स को व्यवस्थित करने का अभियान छेड़ा है। दोहराव और अप्रासंगिक घटनाओं का तर्क देते हुए कोर्स से अब तक गुजरात दंगे, मुग़ल शासन, इमरजेंसी, शीतयुद्ध और नक्सली आंदोलन के कुछ हिस्सों को हटाया जा चुका है।
एनसीईआरटी के कोर्स व्यवस्थीकरण अभियान के तहत राजनीति विज्ञान की 11वीं कक्षा की किताब में इस बदलाव का अब तक उल्लेख नहीं किया गया है। एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश सकलानी का कहना है कि बदलाव के बारे में आधिकारिक जानकारी देने में कुछ तथ्य भूलवश रह गए होंगे।
संविधान सभा की बैठकों में मौलाना आज़ाद के भाग लेने के तथ्य को हटाया गया
किताब: राजनीति विज्ञान, कक्षा 11, पहला अध्याय – संविधान: क्या और कैसे?
क्या हटाया: संविधान सभा की बैठकों में मौलाना आज़ाद के भाग लेने का तथ्य
अब क्या: संविधान सभा की बैठकों की अध्यक्षता आम तौर पर जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बी आर अंबेडकर करते थे।
इसके अलावा, एक और पैराग्राफ़ जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर स्वायत्त रहने की शर्त पर भारत में शामिल हुआ था, को अब पाठ्य-पुस्तक से हटा दिया गया है।
महात्मा गांधी की हत्या के लिए हिंदू चरमपंथियों द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाए गए प्रतिबंध के बारे में हटाए गए पैराग्राफ़ की तरह ही पिछले हफ़्ते यह बताया गया था कि एनसीईआरटी ने 2002 के गुजरात मुस्लिम नरसंहार, भारत में मुग़ल शासन और 1975 में लगाए गए राष्ट्रव्यापी आपातकाल से संबंधित सामग्री को भी अब पाठ्य-पुस्तक से निकाल दिया गया है।