व्यंग । नेता में लालू तो कमाल है!…….

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नेता में लालू तो कमाल है!……. अभी बात पूरी नहीं हुई कि झब्बर काका एक हाथ से कंधे पर लाठी लिए दूसरे हाथ से अपने बिखरे बालों को संवारते हुए बोल पड़े: अरे, लालू का कमाल क्या! जेल में दंड पेल रहे हैं,शायद दुख भगावन मुक्ति पावन किसी महा रैला की तैयारी का सपना साकार करने की योजना बना रहे हैं। पहले अपनी मुक्ति का उपाय ढूंढ़ें फिर जनता जनार्दन की सुधि लें ।उनको कोई उपाय नहीं दिखता तो मुझसे संपर्क करें। मैं शर्तिया नुस्खा बताऊंगा और फीस -फास एक अधेला न लूंगा। झब्बर बाबा की करवैली सुनने के आतुर वहां उपस्थित लोगों में से एक युवक ने चिल्ला कर बोला: जल्दी बताओ बाबा ,हम अपने प्रिय नेता के दर्शनाभिलाषी हैं। एक बुढ़िया भी बोल उठी: बाट ताकत -ताकत नैन गयो पथराय। झब्बर काका सीना तान कर खड़े हुए और कहा:। सच कह दूं तुम्हें? बुरा मत मानना,बात लाख टके की है।गांठ बांध ले। मुल्ला मुलायम सिंह की गर्दन में फंसरी पड़ने वाली थी ।आप से उन्होंने भांप लिया उल्टे पांव नागराज की नगरी पहुंचे। सबसे पहले एक टांग पर खड़े होकर हाथ जोड़ा,क्षमा की विनती की और भविष्य में वफादारी का वादा किया। फिर झट से भागवत भगवान के चरणों पर मत्था टेका और दोनों हाथों से भगवान के चरणकमल को नैनजल से अभिषिक्त किया। भगवान ने अपने वरद हस्त से नेताजी के मत्थे को थपथपाया और उंगली से वापस जाने का इशारा किया। नेताजी पीछे मुड़कर वापस चले गए। मैंने इतना विस्तार पूर्वक ये सब बातें इसलिए बजाईं ताकि आप कहीं खता न करें।यह कहकर बाबा ने ठंडी सांस ली और बैठ गए । एक बबुआ ने कहा: इतने बड़े नेता के लिए यह शोभनीय नहीं। हम शक्ति के बल पर न्याय लेंगे । भगवान की इच्छा से ही न्याय मिल सकता है।नाक रगड़ कर ही कहीं और से आज न्याय नहीं मिल सकता। पावर सब वहीं जमा है।समझाते हुए बाबा ने कहा। दूसरे जवान ने कड़का : पावर जनता के हाथ में है , नागराज की नगरी के एक बड़बोले के पास नहीं। हम यह करके दिखाएंगे,तुम लोग सिर्फ़ मेरा साथ दो । जवान जमघटे से बाहर निकलकर चला गया और सब एक दूसरे को तकते रह गए । थोड़ी देर की खामोशी तोड़ते हुए बाबा गरजे: नेता में लालू, पशु में भालू , तरकारी में आलू,रिश्ते में ख़ालू, दबंगों में कालू का क्या कहना !!!

-Sanaullah Pandit

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