शिक्षा पर चैट जीपीटी के प्रभाव

ChatGPT नवंबर 2022 में शुरू हुआ और इसने बहुत जल्द लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया, और अब यह एक वायरल सनसनी में बदल चुका है। लेकिन छात्रों द्वारा ChatGPT का उपयोग शिक्षकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। शिक्षकों को डर है कि यह छात्रों को आलसी बना देगा और छात्र तर्कसंगत सोच, शोध या लेखन जैसे महत्वपूर्ण कौशल विकसित करने में असमर्थ होंगे।

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शिक्षा पर चैट जीपीटी के प्रभाव

मुहम्मद हुज़ैफ़

ChatGPT (Chat Generative Pre-Trained Transformer) सैन फ़्रांसिस्को स्थित OpenAI द्वारा 30 नवंबर, 2022 को लॉन्च किया गया एक चैटबॉट है। इस कंपनी की स्थापना सैन फ़्रांसिस्को में 2015 के अंत में सैम ऑल्टमैन, एलोन मस्क, पीटर थिएल, रीड हॉफ़मैन, जेसिका लिविंगस्टन और अन्य द्वारा की गई थी। OpenAI LP ने 2019 में माइक्रोसॉफ़्ट से $1 बिलियन का निवेश प्राप्त किया था जबकि जनवरी 2023 में दूसरा बहु-वर्षीय निवेश, $10 बिलियन तक प्राप्त होने की सूचना है।

ChatGPT एक भाषा मॉडल है जिसे किसी दिए गए आदेश पर मानव जैसी प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस AI को दुनिया भर में मौजूद ‘text’ के एक बड़े डेटासेट पर प्रशिक्षित किया गया है, इसलिए यह विभिन्न प्रकार के इनपुट्स को समझने और प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। यह ‘text’ उत्पन्न करने के लिए डीप लर्निंग जैसी ‘मशीन लर्निंग एल्गोरिदम’ का इस्तेमाल करता है। यह “Probabilistic Language Modelling” के सिद्धांत पर काम करता है। इस प्रकार यह मॉडल उच्चतम संभावना वाले शब्दों का चयन करके कोई प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है। ChatGPT एक कृत्रिम लेकिन शक्तिशाली भाषा मॉडल है जो बेहतर सटीकता के साथ प्राकृतिक प्रतीत होने वाली ‘text’ प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है। इसकी यह विशेषता इसे ब्लॉगिंग, निबंध लेखन और रचनात्मक लेखन जैसे अनुप्रयोगों के लिए एक उपयुक्त उपकरण बनाती है।

ChatGPT नवंबर 2022 में शुरू हुआ और इसने बहुत जल्द ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया, और अब यह एक वायरल सनसनी में बदल चुका है। वर्तमान में, यह तकनीकी उद्योग में एक क्रांति ला रहा है जिसका कारण इसकी मानव-समान ‘text’ उत्पन्न करने की क्षमता है।‌ ChatGPT चर्चाओं में भाग लेने और सवालों के जवाब देने में सक्षम है जो मानवीय होने के बहुत क़रीब है। यह सॉफ़्टवेयर कोड उत्पन्न करने के अलावा विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से बातचीत कर सकता है। निश्चित रूप से तथाकथित Natural Language Processing की दुनिया एक नए चरण में प्रवेश कर रही है। ChatGPT शब्दों के अनगिनत मूल संयोजनों को उत्पन्न करने में सक्षम है और यह ‘text’ संकेतों के लिए विस्तृत प्रतिक्रिया प्रदान करता है। आजकल लोग ChatGPT का उपयोग निबंध, काल्पनिक कहानियां, कविताएं और फ़िल्मों के प्लॉट लिखने के लिए कर रहे हैं। यहां तक कि यह आपको एक चुटकुला सुनाकर हंस भी सकता है।

ChatGPT के उपयोग में शिक्षकों की प्रतिक्रिया

आजकल छात्रों द्वारा ChatGPT का उपयोग शिक्षकों के लिए चिंता का विषय बन गया है क्योंकि छात्र इसका उपयोग अपना होमवर्क और पूरा-का-पूरा निबंध लिखने के लिए कर रहे हैं, जिससे उनके लेखन और शोध जैसे कौशल विकसित करने की इच्छा ख़तरे में पड़ गई है। यह उपकरण छात्रों को बिना अधिक प्रयास के गृहकार्य और असाइनमेंट पूरा करने में सक्षम बनाता है और धोखाधड़ी, शैक्षणिक ईमानदारी, और सबसे बढ़कर, सीखने की क्षमता में नुक़सान की चिंताओं को बढ़ाता है। शिक्षकों को डर है कि यह छात्रों को आलसी बना देगा और छात्र तर्कसंगत सोच, शोध या लेखन जैसे महत्वपूर्ण कौशल विकसित करने में असमर्थ होंगे। इसके अलावा, यदि छात्र इसका उपयोग ऐसे कंटेंट के निर्माण के लिए करते हैं जो मूल नहीं है, तो इसे साहित्यिक चोरी भी माना जा सकता है, जो अकादमिक जगत में एक गंभीर अपराध है। छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए इसका नकारात्मक परिणाम हो सकता है, क्योंकि यह शैक्षिक प्रणाली की अखंडता और अन्य छात्रों की कड़ी मेहनत को कमज़ोर करता है।

छात्रों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभावों और कंटेंट की सुरक्षा और सटीकता की चिंताओं के कारण ही न्यूयॉर्क सिटी पब्लिक स्कूलों के नेटवर्क और उपकरणों की ChatGPT तक पहुंच प्रतिबंधित है। वहां के शिक्षा विभाग ने “छात्रों के सीखने पर नकारात्मक प्रभाव, और कंटेंट की सुरक्षा और सटीकता के बारे में चिंताओं” का हवाला देते हुए‌ इस प्रोग्राम तक छात्रों की पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है। विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला में फैले संकेतों के द्वारा सटीक निबंध लेखन की चैटबॉट की क्षमता ने कुछ स्कूलों और शिक्षकों के बीच यह डर पैदा कर दिया है कि उनके असाइनमेंट जल्द ही अप्रचलित हो सकते हैं और यह प्रोग्राम धोखाधड़ी और साहित्यिक चोरी को प्रोत्साहित कर सकता है। स्कूल और कॉलेज के अधिकारियों का मानना है कि ChatGPT ठोस गद्य उत्पन्न कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह जो कहता है वह तथ्यात्मक या तार्किक है। स्कूल पेपर के लिए ChatGPT या किसी अन्य स्वचालित लेखन उपकरण का उपयोग करना नैतिक नहीं है, क्योंकि इसे धोखा माना जाता है और इससे छात्र को लंबे समय में लाभ नहीं होता है। ChatGPT जानकारी का विश्वसनीय स्रोत नहीं है और यह ग़लत उत्तर प्रदान कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में छात्रों को कक्षाओं पर ध्यान देने के बजाय AI के साथ चैट करने में अधिक रुचि होगी इसलिए ChatGPT आज की शिक्षा प्रणाली और शिक्षण व सीखने की प्रक्रिया पर एक बड़ा प्रश्न चिह्न लगाता है।

भारत में, ChatGPT पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला संस्थान बैंगलोर का RV विश्वविद्यालय है। उनकी सलाहकार परिषद ने छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए “AI के उचित उपयोग” की नीति अपनाई है। सलाहकार समिति ने इस नीति का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई के संबंध में चेतावनी भी शामिल की है। यदि कोई मूल्यांकन के लिए AI का उपयोग करता हुआ पाया जाता है, तो उसे विश्वविद्यालय परिसर से निष्कासित किया जा सकता है। यह नीति 1 जनवरी को लागू की गई थी। RV विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के डीन संजय चिटनिस द्वारा बॉट के उपयोग के ख़िलाफ़ अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने लैब और ट्यूटोरियल सेशन के दौरान ChatGPT को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। ChatGPT के अलावा, विश्वविद्यालय ने अन्य AI बॉट्स जैसे कि Github, Copilot और Blackbox के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

AI उपकरणों के उपयोग को रोकने के लिए भारत में कई अन्य कॉलेज अपने असाइनमेंट और मूल्यांकन प्रक्रिया को बदलने की योजना बना रहे हैं। दयानंद सागर विश्वविद्यालय और कर्नाटक में अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT-B) भी चैटबॉट के उपयोग को रोकने के लिए वैकल्पिक तरीकों की तलाश कर रहे हैं। क्राइस्ट यूनिवर्सिटी (बैंगलोर), छात्रों को AI टूल्स का उपयोग करने से रोकने के उपाय भी विकसित कर रही है।

ChatGPT पर प्रतिबंध न लगाएं, इसे एक शैक्षणिक उपकरण के रूप में उपयोग करें

यह तथ्य है कि AI मानव रचनात्मकता का बदल नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि कक्षा या शिक्षा प्रणाली में इसका कोई स्थान नहीं है। छात्रों द्वारा ChatGPT के उपयोग से असुरक्षित होने के बजाय, शिक्षकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि यह AI छात्रों को उनके असंगठित विचारों को व्यवस्थित रूप से काग़ज़ पर व्यवस्थित करने में कैसे मदद करेगा। शिक्षकों को AI का उपयोग छात्रों के लिए एक अन्य शैक्षणिक उपकरण के रूप में करना चाहिए। जैसे शिक्षक छात्रों को ईमेल भेजने और गूगल सर्च इंजन पर उचित शोध करने की इजाज़त देते हैं। शिक्षकों को इस बारे में स्पष्ट लेख लिखने चाहिए कि कैसे ChatGPT निबंध लेखन इत्यादि में सहायता कर सकता है। AI के अस्तित्व को स्वीकार करना और छात्रों को इसके साथ काम करने में मदद करना शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को पुनर्गठित कर सकता है। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों को कृत्रिम निबंध के लिए AI को आदेश देने के बजाय AI को उचित और नैतिक रूप से सही निर्देश देना सिखाएं। विशेषज्ञों का कहना है कि ChatGPT में छात्रों को किसी भी लेखन परियोजना के लिए एक आधार और रूपरेखा प्रदान करने की क्षमता है।

इस चैटबॉट का उपयोग शिक्षकों द्वारा छात्रों को यह दिखाने के लिए किया जा सकता है कि उनकी लेखन प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए कैसे संकेत उत्पन्न किए जाएं। ये छोटी-छोटी चीज़ें छात्रों के लिए व्यवस्थित रूप से विचार उत्पन्न करने के लिए बदलाव का माध्यम बन सकती हैं। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया कि यह वास्तविक लेखन के लिए रूपरेखा प्रदान कर सकता है; इस प्रकार एक निबंध के लिए एक संरचना तैयार करना संभव होगा। इसके बाद, AI के एल्गोरिदम छात्रों के लेखन का वास्तविक समय में मूल्यांकन प्रदान कर सकते हैं और छात्रों को यह दिखाने के लिए प्रतिक्रिया प्रदान कर सकते हैं कि उनकी लेखन संरचना को कैसे बेहतर बनाया जाए।

ChatGPT को भविष्य के एक सर्वनाशपूर्ण बदलाव के रूप में मानने के बजाय, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए कि हम इससे कैसे सर्वश्रेष्ठ काम ले सकते हैं। आजकल तकनीक तेज़ी से विकसित हो रही है और हम भविष्य में रहने वाले लोग हैं। इस नई तकनीक को अवरुद्ध और प्रतिबंधित करने के बजाय, हमें लेखन और शोध को बेहतर बनाने की इसकी अद्भुत क्षमता के साथ काम करना चाहिए। AI में जीवन के हर क्षेत्र में हमारी बहुत सहायता करने की क्षमता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि AI मानवीय रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच का विकल्प नहीं है। AI यांत्रिकी के साथ मदद कर सकता है, लेकिन यह अद्वितीय परिप्रेक्ष्य और अंतर्दृष्टि का बदल नहीं है जो एक मानव अपने काम में ला सकता है। आर्टिफ़ीशियल इंटेलिजेंस, एल्गोरिदम और मशीन लर्निंग अब बाक़ी रहने वाले हैं, और यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उनका कुशलता पूर्वक इस्तेमाल करें।

(अंग्रेज़ी से अनुवाद: उसामा हमीद)

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