लबीद शाफी; छात्र संगठन SIO के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित

हैदराबाद में जारी SIO की राज्य स्तरीय सलाहकार समितियों की संयुक्त बैठक में दीर्घ कालिक चर्चा के बाद लबीद शाफी चुने गए राष्ट्रीय अध्यक्ष, आइए जानते हैं इनके बारें में

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किसी भी संगठन का आंतरिक लोकतंत्र उसके मूल आधार स्तंभों में से होता है। सैय्यद मौदूदी ने इस्लामी चुनाव प्रक्रिया की जिस रूह को ज़िंदा किया था, वही आज भी एस. आई. ओ. में पाई जाती है। पिछले छत्तीस सालों के सतत् संघर्ष के आधार पर एस. आई. ओ. यह दावा‌ कर सकती है कि वह एक पारदर्शी और लोकतांत्रिक संगठन हैं। यहां मेजोरिटी और माइनॉरिटी के आधार पर फ़ैसले नहीं होते, हाथों को गिनकर चुनाव नहीं होते, यहां फ़ैसले ओपिनियन और डिस्कशन से लिए जाते हैं। आप सिर्फ़ यहीं पाएंगे कि पद लोलुपता दूर-दूर तक नज़र नहीं आती, लॉबियां नहीं बनतीं और ज़िम्मेदारी का बोझ आंखों को अश्कबार करता है। संगठन के नये अध्यक्ष लबीद शाफी के चुनाव ने संगठन की इन विशेषताओं को फिर से सबके सामने उकेर दिया है.

छात्र विमर्श परिवार की ओर से SIO के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष को ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनायें.

कौन है लबीद शाफी?

  • लबीद शाफी का सम्बन्ध कर्णाटक के एक मध्य स्तरीय परिवार से है.
  • प्राथमिक शिक्षा अपने गृहनगर उप्पिनंगाडी(मैंगलूर) से हुई.
  • उप्पिनंगाडी गवर्नमेंट कोलेज से ग्रेजुएशन किया.
  • इसके बाद इन्होने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) की डिग्री इस्लामिक स्टडीज में आलिया इंटरनेशनल एकेडमी, कासरगोड से प्राप्त की.
  • इसी दौरान लबीद शाफी ने कालीकट यूनिवर्सिटी से अरबी भाषा में मास्टर्स और BEd भी किया.
  • अपने शेक्षणिक सफ़र के दौरान ही लबीद शाफी कर्णाटक SIO के कई जिलों में ज़िम्मेदार, स्टेट सेक्रेट्री, जोनल अध्यक्ष भी रहे, फिर साल 2017-18 में ये SIO के राष्ट्रीय स्तर के सचिव भी रहे.
  • लबीद शाफी का व्यक्तित्व एक आन्दोलनकारी का भी रहा है. साथ ही ये कई प्रतिभाओं के धनी भी हैं. आधुनिक शिक्षा के साथ लबीद शाफी ने कुरान और इस्लाम का ज्ञान भी प्राप्त किया, जिसका प्रतिबिम्ब आप उनके विचारों में महसूस कर सकते हैं.

 

एक बार फिर से  छात्र विमर्श परिवार की ओर से SIO के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष को ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनायें.

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