आज रविवार था, सुबह 8 बजे कोचिंग में वीकली टेस्ट और 30% मार्क्स के साथ सैफ़, बैच का सबसे कम नम्बर प्राप्त करने वाला छात्र बना था।
मिलाजुला के संडे कमबख़्त अब्बू के सामने इनकी पेशी करवा ही देता था।
हाथ में मार्कशीट लिये, अपने डांट की संभावना व उसकी तीव्रता के बारे में सोच रहा था, कोई रास्ता भी नही बचने का।
घर तक पहुंचा, इधर-उधर देखा क्या करे.……क्या न करे, अंदर जाए तो जाए कैसे।
आचानक एक तरकीब सूझी, एक पत्थर उठाया और पड़ोस वाली मुन्नी आंटी की कांच वाली खिड़की पर दे मारा!!!
मुन्नी आंटी ने तो देख लिया, मगर मां के सामने सैफ़ बिल्कुल मुकर गया। फिर क्या था.……
दोनों तरफ़ से शब्द-वाण चलने लगे, मर्द हज़रात भी कुछ समय बाद युद्ध में कूद पड़े। सैफ़ आराम से अंदर जाकर सो गया, कम से कम इस हफ़्ते तो वह डांट से बच गया था…..
दोस्तो ने तरकीब की ख़ूब तारीफ़ की,
कहा – साला नेता बनेगा!!!
Anwar Sahil, बेगूसराय