दिल्ली दंगा : अब आंखों के सामने सिर्फ अंधेरा है,हमारा सब बर्बाद हो गया

0
1319

“हमारा सब खत्म हो गया है,बच्ची की शादी की तैयारियों में दिन रात मेहनत कर करके पैसा जमा किया था,जेवरात इकट्ठा किया था,लेकिन सब लूट लिया गया है,नज़रों के सामने बस अंधेरा है,कहाँ जाएं किससे उम्मीद लगाएं ? यहां बहुत लोग मिलने आ रहे हैं और मदद के लिए कहते भी हैं,हमें आप जैसे लोगों का ही सहारा है,सब बर्बाद हो चुका है”

ये काहानी शिव विहार निवासी 55 वर्षीय मुनव्वर की है जो 25 को हुए दंगों को पूरे दिन झेलने के बाद रात 2:30 बजे अपने घर से निकल गए थे। मुनव्वर बताते हैं कि जब उन्होंने अपना घर छोड़ा था तब हर चीज़ अपनी जगह थी, “स्थिति इतनी गम्भीर हो गई थी कि हम ताला तक नही लगा कर आए जैसे तैसे हमने अपना घर छोड़ा और जब बाहर सड़क पर आए तब हर तरफ चीख पुकार की आवाज़ थी,महसूस हो रहा था कि ये रात हमारी आखरी रात है”

“जब हम वहां से निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे तब एक ही चिंता मन को कुरेद रही थी कि हमारे घर का क्या हाल होगा और जैसा महसूस हो रहा था वैसा हुआ भी,चार दिन बाद जब मैं अपने घर को लौटा तो सब खत्म हो चुका था,बुरी तरह से मेरे घर को लूटा गया,दो लाख से ज़्यादा नकद अपनी जगह से गायब था,मेरी बीवी और बेटी के लिए जमा किया गया जेवर भी गायब था,आप बताइए अब हमारी ज़िंदगी का क्या होगा ? सब बर्बाद हो गया है सर,बताइए क्या करें ?

ये कहानी सिर्फ मुनव्वर की नही है बल्कि शिव विहार और अन्य इलाकों में हुई लूटपाट में सभी ने ये सहा है,जहां पुलिस एफआईआर दर्ज करने में ढिलाई बरत रही है वहीं सरकार ऐसे लोगों को मदद पहुंचाने में ज़्यादा दिलचस्पी तक नही दिखा रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट- टीम छात्र विमर्श

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here