Covid19 : कोरोना का ग्लोबल आतंक

इस खौफ से पूरी दुनिया थम सी गई है। लोग घरों में कैद हैं क़ैदियों सी जिंदगी गुजारने पर मजबूर हो गये हैं। चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। दुनिया के देश लॉकडाउन से धीरे-धीरे सरकारी कर्फ़्यू की ओर बढ़ रहे हैं। लोगों के रोजगार और व्यापार बहुत तेजी से छिनते जा रहे हैं। भुखमरी की संभावनाओं ने डर और भय का माहौल पैदा कर दिया है। इन सबके आलावा वैसे डाक्टर जिनका अपना घर नहीं है उन्हें घर से निकाला जा रहा है। घर के ऑनर का कहना है कि ये डॉक्टर कोरोना मरीज के संक्रमण आकर हमारे घर को भी संक्रमित कर सकते हैं।

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शाहिद सुमन

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अब तक दुनिया के 186 देशों को Covid-19 ने अपने चपेट में ले लिया है। इस वायरस के संक्रमण की शुरुआत चीन के वुहान प्रांत के सी-फूड मार्केट को माना जा रहा है। अब तक पूरी दुनिया में चार लाख 4,78,331 लोग जानलेवा वायरस के शिकार हो चुके हैं। 21,524 लोगों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। कुल केस के संक्रमन के 341,974 मामले अभी भी एक्टिव हैं, जिसमें 327,177(96%) मामले संक्रमण की मध्यमिक अवस्था में है और 14797(4%) मामले अभी भी ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, जिन्हें आप संक्रमन की आखिरी अवस्था में समझ सकते हैं, अर्थात इनके ठीक होने की संभावना न्यूनतम अर्थात नगण्य है। वर्तमान रिपोर्ट के मुताबिक कुल वायरस संक्रमित(4,78,331) मामलों में 136,557(84%) संक्रमित केस को बंद किया जा चुका है। मतलब ये ठीक होकर अस्पतालों से घर जा चुके हैं और 21524(16%) मरीजों की मृत्यु हो चुकी है।
चीन से लेकर भारत तक कोरोना का सफर
चीन से लेकर अमेरिका तक सभी विकसित देश के अलावा भारत के साथ सभी छोटे-मोटे गरीब मुल्क भी इनके संक्रामण से अछूते नहीं हैं और जैसे-जैसे दिन गुजरता जा रहा है दूसरे मुल्क भी इस वायरस के शिकार बनते जा रहे हैं। टॉप टेन अपने नागरिकों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करने वाले देश भी इस विषाणु के संक्रमन के सामने बौना साबित हो रहे हैं। इस वायरस के संक्रमन से दुनिया के दूसरे बेहतर चिकित्सा सुविधा देने वाले देश इटली में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं और अभी भी कंट्रोल से बाहर है। भारत बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करने वाले देशों की श्रेणी में टॉप हंड्रेड से भी बाहर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस महामारी के फेलने के बाद विकराल रूप धरण कर सकता है। इस समय भारत में कोविद-19 का संक्रमन दूसरे स्टेज में है। जिसके कारण हम राहत की सांस ले रहे हैं। भारत में अब तक 600 से ज्यादा मामले पाये गए हैं, जिसमें 10 लोगों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। भारत के 22 राज्यों के 75 जिलों में अब तक कोरोना के संक्रमित मरीज पाये गए हैं जिसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में है।

कर्फ़्यू और लॉकडाउन
इस खौफ से पूरी दुनिया थम सी गई है। लोग घरों में कैद हैं क़ैदियों सी जिंदगी गुजारने पर मजबूर हो गये हैं। चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। दुनिया के देश लॉकडाउन से धीरे-धीरे सरकारी कर्फ़्यू की ओर बढ़ रहे हैं। लोगों के रोजगार और व्यापार बहुत तेजी से छिनते जा रहे हैं। भुखमरी की संभावनाओं ने डर और भय का माहौल पैदा कर दिया है। इन सबके आलावा वैसे डाक्टर जिनका अपना घर नहीं है उन्हें घर से निकाला जा रहा है। घर के ऑनर का कहना है कि ये डॉक्टर कोरोना मरीज के संक्रमण आकर हमारे घर को भी संक्रमित कर सकते हैं।

गांव लौट रहे दिहाड़ी मजदूरों पर जुल्म ढा रही पुलिस

सड़क पर जगह-जगह भूखे, प्यासे, बदहवास हालत में पैदल चलते हुए लोग दिखाई दे रहे हैं। तीन मज़दूरों ने बताया कि वे मुरैना जा रहे हैं। एक मज़दूर सरिता विहार की तरफ भटकता हुआ मिला। उसे आनंद विहार जाना था लेकिन कोई सही रास्ता बताने वाला भी नहीं। उसे अभी भी उम्मीद है कि आनंद विहार से उसे उसके घर की बस मिल जाएगी। इसलिए उस दिशा में भागा जा रहा है। एक बुज़ुर्ग दादरी से पैदल चलकर आ रहा था। उसका पेन्टर बेटा और बहू दिल्ली में कहीं रहते हैं जिनके पास खाने को पैसे नहीं हैं। कोई मदद करने या कर्ज़ देने को तैयार नहीं है। इन तीनों की समस्या एक जैसी है। भूख मिटाने के लिए पैसे नहीं हैं। दिल्ली सरकार कह रही है कि किसी को भूखा नहीं सोने देंगे लेकिन ये दिहाड़ी मज़दूर केजरीवाल पर भरोसा करने की बजाय सैकड़ों किलोमीटर दूर पैदल अपने घर जाना चाहते हैं। रेलवे स्टेशन पर लोग फंसे हैं, उन्हें खुद से ज्यादा अपनी बीमार मां-बाप के आलावा भूखे सो रहे बच्चों की फ़िक्र ज्यादा है। इसलिए वो हजारों मिल पैदल चलकर अपने घर पहुंचना चाहते हैं। ये खबर सिर्फ दिल्ली की नहीं है बल्कि देश के हर बड़े शहर गुजरात, मुंबई, पुणे, कोलकाता, चेन्नई, बंगलौर आदि से लोग बदहवाश पैदल सफर कर रहे हैं। सरकारों ने अपने इन नागरिकों को यूं ही छोड़ रखा है। ये जियें या मरें, कोई फर्क़ नहीं पड़ता। यही सच है। ये कोरोना से तो नहीं मरेंगे लेकिन इतना लंबा सफ़र तय करने में ज़रूर मारे जाएंगे। सरकार के पास इस तरह की आपात परिस्तिथि से लड़ने के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है। केंद्र की सबसे लोकप्रिय सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए महज 15,000 करोड़ की राहत पैकेज की घोषणा करना एक छलावा है। इस पैकेज से कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए, देश के सिर्फ हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान केंद्र सरकार ने किया है। इस राशि से कोरोना से जुड़ी टेस्टिंग फेसिलिटीज़, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स, आइसोलेशन बेड्स, आईसीयू बेड्स, वेंटिलेटर्स और अन्य ज़रूरी साधनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी। देश के एक्सपर्ट कोरोना वायरस से जंग के लिए इस राशि को बहुत कम बताया जा रहा है। पहले से ही हमारे अस्पतालों की हालत से हम सभी वाकिफ हैं। उन बीमारियों का इलाज करना जिनका इलाज संभव भी है वहाँ भी देश का स्वास्थ्य तंत्र फेल हो जाता है। पिछले साल गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं बिहार के सरकारी हॉस्पिटल में एक महीने के अंदर सेकड़ों की संख्या में नवजात बच्चे मौत के काल में समा गए। ये ऐसी बीमारी थी जिसका इलाज संभव था। लेकिन सरकार की लचर व्यवस्था के कारण सरकारी हॉस्पिटल में आम सुविधा आज भी नदारद है। अकेले गौरखपुर में सिर्फ ऑक्सिजन की कमी से 24 घंटे के अंदर सेकड़ों नवजात मौत की मुंह में धकेल दिये गए।
जागरूक बनें जागरूक करें

प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग का उलंघन करते योगी आदित्यनाथ

जागरूक बनें जागरूक करें

21 मार्च को प्रधानमंत्री ने 8 बजे टीवी के माध्यम से आम लोगों से सतर्क और सयंम रहने की अपील किए। लोगों से कहा गया कि 22 मार्च को जनता अपने बचाव के लिए जनता कर्फ़्यू का पालन करे। लोग अपने घरों से नहीं निकलें और इस दौरान जो लोग आपकी सेवा करेंगे जैसे डॉक्टर या दूसरे ऐसे लोग जो इस दौरान खाना और पानी और दूसरी सेवाओं को पहुंचाने वाले लोगों की उत्साहवर्धन के लिए अपने घरों की छत या बालकनी में खड़े होकर ताली या थाली पीटना चाहिए। जिसका आयोजन 5 बजे से 5 मिनट के लिए करेंगे। इसके अलावा आप अपने घरों में भी सोशल डिसटेन्स को बरकरार रखेंगे। लेकिन हमने प्रधानमंत्री की इस जरूरी अपील को भी हमें अशिक्षा और भक्ति की जड़ता ने समझने नहीं दिया। इसलिए 22 मार्च की शाम में हर आम व खास ने खुलकर सोशल डिस्टेन्स का माखौल उड़ाया जो महामारी के प्रति हमारी असजगता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है। कर्नाटक के राज्यपाल, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, बॉलीवुड के महानायक अमिताभ सभी ने मिलकर सोशल डिस्टेन्सिंग का मज़ाक उड़ाया है। इन सबके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की खुशी मनाते हुये हुये फोटो का वायरल होना हास्यास्पद है, ये अपने प्रदेश के व्यवस्थापक हैं। इन लोगों की गैरजिम्मेदाराना हरकतों से आम जनता के अंदर गलत सूचनाएँ प्रसारित होतीं हैं। इनकी हरकतों से लगता है की सरकार सिर्फ पार्टी के मेनिफेस्टों को ही लागू करने आई है। इन्हे अवाम की तकलीफ़ों से कोई मतलब नहीं है। इन सबके अलावा जिस तरह से सोशल मीडिया पर लोगों के उत्सव मानाते हुये फोटो और वीडियो वाईरल हो रहे थे। जिसमें लोग ताली थाली के साथ-साथ डीजे की धुन पर “गो कोरोना गो” का स्वागत गान गा रहे हैं। ऐसा लग रहा था कि कोरोना वायरस हमारे लिए कोई आफत या महामारी नहीं बल्कि हमारी विकास और उन्नति का प्रतीक है। जिसके लिए हमें कोरोना उत्सव मानाकर उसका स्वागत करना चाहिए। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि इस महामारी से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग(एक व्यक्ति कम से कम एक मीटर रहे) कितना कारगर साबित होगा।

ये तस्वीर जयपुर के रामगंज इलाके से है खाने के पैकेट्स बनाकर लोगों के बीच ले जा रहे हैं।

अपनी सेहत का ख्याल करें
मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक जबतक कोई पेटेंट दवाई या टीका का खोज नहीं हो जाता तबतक के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग ही इसका कारगर इलाज है। इसके साथ जितना हो सके अपने शरीर को साफ सफाई का ध्यान रखें। शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें, इसके लिए विटामिन सी प्रचुर मात्रा में लें। बार-बार छूए जाने वाली चीजों को सिनेटाइज़ करें। अगर आपके पास सिनेटाइज़र ना हो तो हाथों को बार बार साबुन और नीबू पानी से जरूर धोएँ। पीने में गर्म पानी ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। सर्दी खांसी और साँसों से जुड़ी बीमारी हो तो फौरन अपने पड़ोस के डाक्टर की सलाह लें। भीड़ लगाकर खड़े ना रहें। हाथों को मिलाने से बचें। आपके शहर, गाँव, मुहल्ले और रिश्तेदार में ऐसे किसी व्यक्ति जो पिछले एक दो महीने के अंदर किसी दूसरे देश से भ्रमण कर आया हो का पता चलता है तो फौरन हेल्थ सेंटर को सूचित करें ऐसे व्यक्ति को आइसोलेशन सेंटर भेज दें। ये हमेशा याद रखें जागरूकता ही इस महामारी से लड़ने का हथियार साबित होगा। दूसरे को विपरीत और कठिन परिस्थिति में सहारा देना आपका परम कर्तब्य है इस कठिन घड़ी में एक दूसरे का ध्यान रखें। आप जागरूक रहें दूसरे को भी जागरूक करें। अफवाहों से बचें विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट को विजिट करें इनकी वेबसाइट पर कोरोना वायरस से जुड़ी तमाम जानकारियां मौजूद हैं।

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