इस तस्वीर में दो गड्ढ़ा नज़र आ रहा होगा।
आज शिव विहार, मदीना मस्जिद की तरफ गया था। मस्जिद वाली गली में रास्ते के दोनों तरफ कुछ गड्ढ़े पर नज़र पड़ी तो कुछ लोगों से इस गड्ढे के बारे में पूछा। मैं इस गड्ढे को देखकर इसलिए भी अचंभित था इस अफरा-तफरी के वातावरण में खंडहरनुमा मकानात वाली गली के आगमन पर दोनों तरफ गड्ढे क्यों खोदे गए हैं। जबकि गड्ढे की दूसरी(पीछे) की तरफ मुसलमानों के घर थे। जो दंगे से पहले आबाद था। अब ये आबाद घर भूतहा खंडहरों में बदल चुका है। इसलिए उत्सुकता वस आसपास के लोगों से कारण जानना चाहा। वहाँ के लोगों ने बताया ये गड्ढ़ा यहाँ के हिन्दुओं ने खोदा है। वह गेट लगाना चाह रहा है। हिन्दुओं का कहना है मुसलमान मेरे ईधर नहीं आऐ। गेट हमेशा बंद रहेगा। मेरे इजाज़त के बग़ैर मुसलमान ईधर नहीं आ सकता है। जब हमारा मन होगा गेट खोलेंगे, नहीं होगा नहीं खोलेंगे।

दुसरा तस्वीर गड्ढे के अगले हिस्से का है। गड्ढे के इस हिस्से में हिन्दुओं की संख्या ज़्यादा है। उसके अलावा 2-3 घर मुसलमानों के हैं और एक मदरसा भी है मदरसा सहित इन घरों को भी जला दिया गया है। गली का यह हिस्सा मुख्य सड़क को जोड़ता है।
गली के इस हिस्से में मुसलमान रहते हैं इस तस्वीर में टूटे हुये मकानों का मालवा साफ-साफ नजर आ रहा होगा..गड्ढे के पिछले हिस्से(दूसरी तरफ) सिर्फ मुसलमानों का मकान है। जिसमें पहले लुटपाट की गई उसके बाद सभी घरों को जला दिया गया।
यह गड्ढ़ा कोई आम गड्ढ़ा नहीं है। यह नफ़रतों का गड्ढ़ा है। एक समुदाय का दुसरे समुदाय के प्रति नफ़रतों का गड्ढ़ा है। इंसानियत के दफ़्न होने का गड्ढ़ा है।
फिलहाल स्थानीय मुसलमानों द्वरा इसकी लिखित शिकायत की गई है लेकिन मेरे पहुँचने तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी।
ग्राउंड रिपोर्ट तैयार H Rahman (पूर्व छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी) ने किया है