जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन का आज 14वां दिन!

AMUSU के पूर्व अध्यक्ष इरफ़ानुल्लाह ने प्रदर्शन सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये आन्दोलन बुजुर्गों का कर्ज है जिसे नौजवान अदा कर रहे हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने देश को जगाने का काम किया है. जामिया तहज़ीब और यहाँ के छात्र गांधी के विचारों से ओतप्रोत हैं.

0
689

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन का आज 14वां दिन था। आज के दिन भी सुबह से ही छात्र और ओखला के लोग प्रदर्शन स्थल पर हजारों की संख्या में उपस्थित रहे. आज के प्रदर्शन में कई कार्यकर्ताओं के साथ बालीवुड स्टार जीशान अय्यूब भी शामिल हुए. बड़ी संख्या में दिल्ली और दूसरे शहरों से आए कार्यकर्ता और छात्र नेताओं ने प्रदर्शन सभा में अपनी अपनी बातें रखी. इन सभी ने सरकार की मुस्लिम विरोधी और देश को बांटने वाली नीतियों का विरोध किया.
आज के प्रदर्शन के दौरान संगवारी समूह ने कई क्रन्तिकारी गीतों पर अपनी प्रस्तुति भी दी. आज प्रदर्शन स्थल पर जामिया के छात्र-छात्राओं द्वारा महात्मा गांधी के विचारों पर आधरित एक प्रदर्शनी भी लगाई. जिसमें गांधी जी के जीवन और उनके आन्दोलनों की कई अहम् झलकियों को दिखाया गया था.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को संबोधित करते हुए बॉलीवुड कलाकार जीशान अय्यूब ने आंदोलन को शांति पूर्ण चलाने की अपील की और कहा कि आंदोलन मे कुछ असामाजिक तत्व मौजूद रहते हैं उनसे सावधान रहने की ज़रूरत है. ये लड़ाई संविधान और देश बचाने की लड़ाई है, उन्होंने जामिया छात्रों को देशव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए मुबारकबाद दी.
प्रोफेसर सरोज गिरि ने छात्रों और ओखला के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी हर मोड़ पर नाकामयाब रही है और वह NRC और CAA को लेकर अपना उल्लू सीधा करना चाह रही है। जिस तरह से नोटबन्दी कर के लोगों को लाइन में लगा दिया उसी तरह इस बिल को लाकर लोगों को लाइन में लगाना चाहती हैं। उन्होंने जामिया सहित सीलमपुर, उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा की गइ बर्बरता की निंदा करते हुए कहा कि सरकार हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति करके देश को बाँटना चाहती है।
AMUSU के पूर्व अध्यक्ष इरफ़ानुल्लाह ने प्रदर्शन सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये आन्दोलन बुजुर्गों का कर्ज है जिसे नौजवान अदा कर रहे हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने देश को जगाने का काम किया है. जामिया तहज़ीब और यहाँ के छात्र गांधी के विचारों से ओतप्रोत हैं.
मशहूर लेखक और वरिष्ठ पत्रकार जियाउस्सलाम ने कहा कि जामिया के छात्र आज बुजुर्गों को ऊँगली पकड़ कर चलाने का काम कर रहे हैं. अगर ये आन्दोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहा तो इंशाअल्लाह जीत हमारी होगी.
सौरव वाजपेयी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधते हुए कहा आरएसएस ने सालों पहले जिस विभाजनकारी नीति की शुरुआत की थी आज उसे अपनाया जा रहा है. और इस देश का छात्र इसे स्वीकार नहीं करेगा.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) से आए छात्र नेता शरजील उस्मानी ने इस आन्दोलन के कई अहम तथ्यों को बताते हुए कहा कि आज सरकार खुल कर मुस्लिम विरोधी हो चुकी है. अपने समुदाय और देश के लोकतान्त्रिक मूल्यों को बचाने के लिए हर मुसलमान और हर नागरिक को सड़कों पर आकर प्रदर्शन करना चाहिए. ये लड़ाई सिर्फ CAA, NPR या NRC के खिलाफ ही नहीं बल्कि इस देश में मुसलमानों के आत्मसम्मान की भी लड़ाई है.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़, मुम्बई (TISS) के शोधार्थी फहद ने कहा कि इस संघर्ष में सभी समुदायों के लोग जितना सहयोग देंगे ये उतना जल्दी सफल होगा.
आज की प्रदर्शन सभा में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा शर्मा, मौलाना असद, कवि अख्तर आज़मी, एडवोकेट अदीबा मुज़म्मिल और कई सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here