जामिया आंदोलन का आज 27वां दिन!

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन‌ लाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय जामिया विरोध का केन्द्र है और आने वाले कल में पूरा देश जामिया होगा। उन्होनें‌ सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा कि सरकार हमें हिंदू-मुस्लिम के आधार पर बांटना चाहती है ।

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जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक CAA और NPR, NRC के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन का आज 27वां दिन था।
आज के दिन भी कड़ी सर्दी और बारिश के बावजूद छात्र-छात्राये और ओखला के लोग प्रदर्शन स्थल पर हजारों की संख्या में जमा हुए. आज के प्रदर्शन में कई सामाजिक कार्यकर्ता, राजनैतिक नेता भी शामिल हुए. जिनमे सांसद कनिमोझी, और कविता कृष्णन प्रमुख रहे. इन सभी ने सरकार की मुस्लिम विरोधी और देश को बांटने वाली नीतियों का विरोध किया.
आज जामिया के छात्रों ने ट्रेड यूनियन द्वारा बुलाई गई भारत बंद हड़ताल का समर्थन किया। कई संगठनों और JCC ने इस देशव्यापी आंदोलन का समर्थन किया। आज भारत बंद के दौरान कई शहरों में बैंक सर्विस, और यातायात सेवाएं प्रभावित हुई।
सांसद एमके कनिमोझी ने जमिया प्रदर्शन में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ये सरकार हमें डंडों और गोली डराना चाहती है। चाहती है हम खामोश हो जाएं। लेकिन हम डरने वाले नहीं है हम अपने सभी जायज़ सवालों का जवाब सरकार से लेकर रहेंगे। जामिया के छात्र हमारे नेता हैं।
जामिया प्रदर्शन में शरीक हुए मुस्लिम विचारक मौलाना खलीलुर्रहमान सज्जाद नोमानी ने कहा कि जामिया के छात्रों ने जामिया के 100 साल पुराने आंदोलन को ज़िंदा किया है। उन्होंने कहा कि जिस अवाम ने इस पार्टी को सत्ता पे पहुंचाया है वहीं अवाम इसे सत्ता से उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन ऐसा परिवर्तन लाएगा जिससे हिंदुस्तान बरसों बरस प्रेरणा लेता रहेगा।
कविता कृष्णन ने छात्र-छात्राओं व आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि आप सब एक बड़ी विजय यहां इकट्ठा होकर पहले ही प्राप्त कर चुके हैं। कुछ महीने पहले यह किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देश की जनता सरकार के ख़िलाफ़ इतनी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आयेगी। उन्होनें सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अप्रैल में कहा था कि वे असम में NRC लायेंगें। कोई भी लोकतांत्रिक देश NRC लागू नहीं कर सकता क्योंकि सरकार को यह तय करने का कोई अधिकार नहीं है कि कौन देश का नागरिक है और कौन नहीं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन‌ लाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय जामिया विरोध का केन्द्र है और आने वाले कल में पूरा देश जामिया होगा। उन्होनें‌ सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा कि सरकार हमें हिंदू-मुस्लिम के आधार पर बांटना चाहती है किंतु वो‌ इसमें सफ़ल नहीं होगी क्योंकि हमारी सरकार संविधान है। उन्होनें दलित अधिकार पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने आरएसएस के सभी कार्यकर्ताओं को बहका दिया कि दलितों के विरूद्ध लड़ना, उनका विरोध हमारा धर्म है। लेकिन उन्हें देखना चाहिए कि दलित आख़िरकार दलित क्यूं हैं? डिटेंशन कैंप के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि सरकार पूरे देश को डिटेंशन कैंप बनाने में तुली हुई है। सरकार आम जन से NRC के ज़रिए मतदान का भी छीनना चाहती है।
आज के प्रदर्शन में amu के छात्र नेता हमजा नौमान, प्रोफेसर साइमा सईद, जमिया टीचर्स एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष मनीषा सेठी, JTA की सदस्य सीखा कपूर, JTA के सचिव माजिद जमील, नसीम अहमद, जाबिर हुसैन और जमिया के कई शिक्षक शामिल हुए।
जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी (JCC) व एल्युमनी एसोसियेशन (AAJMI ) के सदस्यों ने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा

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