डीयू के इंद्रप्रस्थ कॉलेज में उत्पीड़न का मामला, छात्राओं का प्रदर्शन जारी
रिपोर्ट: उवैस सिद्दीक़ी
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज फ़ॉर विमेन (आईपीसीडब्ल्यू) की छात्राओं ने प्रिंसिपल के इस्तीफ़े की मांग को लेकर तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। इस प्रदर्शन का आयोजन हाल ही की एक घटना के जवाब में किया गया था, जहां कुछ पुरुषों ने कैंपस की दीवारों को फांद कर वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के दौरान महिला छात्रों के साथ छेड़छाड़ की और उन्हें परेशान किया।
प्रदर्शनकारी, छात्राओं को परेशान करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही वे कालेज की प्रिंसिपल पूनम कुमरिया से छात्राओं की समस्याएं दूर करने के लिए कह रहे हैं अन्यथा उनके इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं।
आईपीसीडब्ल्यू की एक छात्रा अरुंधति ने हमें बताया कि “31 मार्च सुबह 11:00 बजे शुरू हुए एक शांतिपूर्ण विरोध के बाद, हमने प्रिंसिपल को हमारी चिंताओं को दूर किए बिना कैंपस से जाते हुए रोकने के प्रयास में एक मानव श्रृंखला बनाई थी। हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद, प्रिंसिपल ने हमें जबरन तितर-बितर करने के लिए 30 से अधिक पुलिस अधिकारियों, डीसीपी सागर सिंह कलसी और दिल्ली विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों की मदद ली। इस अराजकता के दौरान कई छात्रों को धक्का दिया गया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया जिससे भगदड़ मच गई। इसी बीच प्रिंसिपल वहां से चलीं गईं।”
शुक्रवार की आपबीती सुनाते हुए कॉलेज के एक छात्र समूह ने कहा कि, “परिसर में घुसने वाले पुरुष जय श्री राम का जाप कर रहे थे। अन्य नारे भी लगाए गए थे, जैसे ‘मिरांडा, आईपी दोनो हमारे हैं’, ‘मिरांडा नहीं छोडेंगे, आईपी भी नहीं छोड़ेंगे’। भीड़ नियंत्रण करने के समय पुलिस नदारद थी। भगदड़ के 15 मिनट बाद पुलिस आई। गेट बंद कर दिया गया और तुरंत हमारे ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों और गार्डों के साथ मारपीट शुरू कर दी। जब हमारी महिला गार्ड ने बीच-बचाव किया तो पुलिसकर्मी ने उसे भी मारा। एक छात्रा द्वारा उनका सामना किए जाने पर, एक पुलिसकर्मी ने आक्रामक रूप से कहा ‘तू चुप रह, होती कौन है तू ये सब बोलने को’।”
छात्र आगे कहते हैं कि, “कैंपस में कुछ पुरुष नशे की हालत में थे और महिलाओं को सीधे तौर पर परेशान कर रहे थे। जब वालंटियर्स ने उन्हें कैंपस छोड़ने के लिए कहा, तो उन्होंने ने यह कहकर जवाब दिया ‘हम क्यों जाएं? लड़की देखने आए हैं, देख के ही जाएंगे’। उन्होंने वालंटियर्स के साथ भी दुर्व्यवहार किया, उन्हें टटोलने की कोशिश की और कुछ पर गुटखा भी थूका। कैंपस में घंटों महिलाओं का पीछा करने वाले पुरुषों के कई खाते भी हैं। अंत में जब भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई, तो प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों ने घोषणा की कि कॉन्सर्ट रद्द कर दिया गया है। प्रिंसिपल ने वालंटियर्स को लड़कियों को बाहर निकालने का आदेश दिया।”
बता दें कि यह मामला आईपी कॉलेज में हर साल होने वाले फ़ेस्ट “शृती” का है। 28 मार्च को फ़ेस्ट के दौरान यह मामला पेश आया, जिसके बाद से छात्राओं द्वारा इसका विरोध शुरू हुआ।