जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आंदोलन का आज 17वां दिन!

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक/ NPR/NRC के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन का आज 17वां दिन था। आज के दिन...

नागरिक सत्याग्रह: गांधी का संदेश लेकर चल रहे पदयात्रियों को फिर किया गया गिरफ्तार..

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में पुलिस ने आठ सत्याग्रहियों को शुक्रवार 6 मार्च को गिरफ्तार कर फिर जेल भेज दिया है गोरखपुर के चौरीचौरा...

शिक्षा व रोज़गार के मुद्दों को चुनावी एजेंडे में शामिल किया जाये – एसआईओ

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया (एसआईओ)...

हिंदुत्ववादियों की एएमयू पर गिद्धदृष्टी

कल एएमयू से छात्रों की ख़ून से लत-पत तस्वीरें fb पर खूब वायरल हुईं,save amu और stand with amu के हैशटैग के साथ,जिसमें ये...

मुंबई यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस लर्निंग संस्थान का छात्रों के प्रति ग़ैर ज़िम्मेदाराना व्यवहार

महाराष्ट्र स्थित मुंबई यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस लर्निंग संस्थान के छात्र काफ़ी समय से समस्याओं का सामना कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि पढ़ाई के मामले में संस्थान द्वारा उनका कोई मार्गदर्शन नहीं किया जा रहा है। चाहे परीक्षा के समय का मामला हो या फिर स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करवाने की बात हो, संस्थान की तरफ़ से लगातार अनियमितताएँ की जा रही हैं।

MANUU के 1800 छात्रों की छात्रवृत्ति ख़तरे में

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए इस वर्ष मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (हैदराबाद) के लगभग 1600 छात्रों ने आवेदन किया था और लगभग 200 छात्रों ने अपने आवेदन को नवीनीकृत किया था। लेकिन एक फ़र्ज़ी आवेदन को आधार बनाकर इस वर्ष उर्दू यूनिवर्सिटी के 1800 छात्रों का आवेदन निरस्त कर दिया गया है जिसकी वजह से यहां के छात्र चिंतित हैं और लगातार अपनी चिंता को व्यक्त भी कर रहे हैं।

पहले से तय था जामिया और जेएनयू को टार्गेट किया जाना?

  आप घर में आराम से बैठकर अपना काम कर रहे हैं और तभी अचानक से आप पर और आपके पूरे परिवार पर हमला हो...

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में छात्रों का उत्पीड़न जारी

छात्रवृत्ति बढ़ाने की माँग को लेकर अक्टूबर 2022 में हुई एक हड़ताल में शामिल होने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा पाँच छात्रों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई थी, जिनमें से एक छात्र अम्मार अहमद की हालत बिगड़ गई थी। अम्मार को हार्ट अटैक आया था। उनकी हालत अभी भी नाज़ुक बनी हुई है और वह Body Paralysis का शिकार हैं। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी का हठधर्मितापूर्ण रवैया बरक़रार है और अभी भी छात्रों को निष्कासित करने का सिलसिला चल रहा है।

पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा आखिरकार क्यों नहीं ?

लेखक : मंजर आलम   *पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा आखिरकार क्यों नहीं?* बिहार की राजधानी पटना स्थित पटना विश्वविद्यालय देश का एक पुराना और...

एएमयू: कैंपस खोलने की माँग तेज़, छात्रों ने कुलपति को लिखा पत्र

कोरोना महामारी की भारत में शुरुआत के समय से ही बंद देश के अधिकतर शिक्षण संस्थानों को खोलने की मांग अब तेज़ हो गई...