लाल सिंह चढ्ढा

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फ़िल्म समीक्षाएं लाल सिंह चड्ढा 1:-लाल सिंह चड्ढा एक उद्देश्य रहित फ़िल्म है। शायद यही इस फ़िल्म इसका सबसे बड़ा दोष है। मनोरंजन तो है ही...

जीन-ल्यूक गोडार्ड: चुभने वाली खंडित फिल्मों का निर्माता जिसने सभी प्रश्न सही पूछे

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-एलिसन स्मिथ, लिवरपूल विश्वविद्यालयसाभार: मकतूब मीडियाजीन-ल्यूक गोडार्ड, जिनकी हाल ही में 91 वर्ष की आयु में मृत्यु हुई, ‘फ्रांसीसी न्यू वेव’ (Nouvelle Vague) के...

*फिल्म समीक्षा – कुछ करने से पहले सोचने के लिए कहती ये ‘होली काऊ’*

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'होली काऊ' नाम बॉलीवुड के दर्शकों को फिल्म के प्रति आकर्षित करने में कामयाब नही होता दिखता पर यह नाम 'डोंट जज ए बुक...

फ़िल्म समीक्षा : हेमोलिम्फ

सुदर्शन गामारे द्वारा निर्देशित और रियाज अनवर की मुख्य भूमिका वाली बॉलीवुड फिल्म हेमोलिम्फ, भारत में मुसलमानों के सामाजिक जीवन को दर्शकों के सामने...

देश की एक बड़ी आबादी से नफ़रत के लिए तैयार करती है ‘कश्मीर फ़ाइल्स’

भारत में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और साम्प्रदायिक मुद्दों पर फ़िल्में बनती रही हैं। इन फ़िल्मों में फ़िक्शन भी होता है और सच्ची घटनाएँ भी...

फ़िल्म समीक्षा: ‘जय भीम’ का मुद्दा आपकी सहजता नहीं, कहानी की मौलिकता है

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किसी भी फ़िल्म को देखने से पहले एक आम दर्शक के ज़ेहन में अमूमन पहला सवाल यही होता है कि कहानी के नायक-नायिका कौन...

फ़िल्म समीक्षा: सरदार उधम सिंह

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“पुत्तर! जवानी रब का दिया हुआ तोहफ़ा है, अब ये तेरे ऊपर है, तू इस तोहफ़े को ज़ाया करता है या इसको कोई मतलब...

क्या वेब सीरीज़ की गालियां सुनकर आपके कान भी अब लाल नहीं होते?

पिछले दिनों किसी ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर आ रही एक वेब सीरीज़ में जब पहली बार एक गंदी गाली सुनी तो मेरे कान लाल हो...

मासूमियत भरी उम्मीद जगाती: फ़िल्म हामिद

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कश्मीर, कश्मीर की स्थिति, वहाँ के लोगों आदि को लेकर विभिन्न माध्यमों ने आपकी सोच को विभिन्न नजरिये से प्रभावित किया होगा। इसके बारे में...

तेलंगाना में 7 दिनों में 18 छात्रों की आत्महत्या

7 दिनों में 18 छात्रों की आत्महत्या, आज न कल आपको शिक्षा के सवाल पर आना ही होगा. जी नागेंद्र बिहार या यूपी का नहीं...