साझा संस्कृति का विकास उत्तर भारत मे नहीं हो सका, दक्षिण मे हुआ :...

हैदराबाद: सेंटर फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (CERT) द्वारा आयोजित हो रहे दक्षिण भारत इतिहास सम्मेलन के पहले दिन विभिन्न इतिहासकारों, प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं...

शिक्षा व रोज़गार के मुद्दों को चुनावी एजेंडे में शामिल किया जाये – एसआईओ

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया (एसआईओ)...

फाइनल ईयर की परीक्षाओं को सुप्रीम कोर्ट का ग्रीन सिग्नल

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान में परीक्षाएं आयोजित न कराए जाने वाली एक याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष के...

बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का ज़िम्मेदार कौन?

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एक ओर जहाँ शिक्षकों की घोर कमी है वहीं शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी/एसटीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की एक बड़ी संख्या सड़कों पर बेरोज़गार घूम रही है और लगातार संघर्ष करते हुए पुलिस की लाठियां खा रही है। पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग भी समय-समय पर उठती रही है परन्तु इस पर कोई ठोस पहल अब तक नहीं हुई है। ऐसी ही कई समस्याएं हैं जो बिहार की शिक्षा व्यवस्था की राह में रोड़े अटका रही हैं।

जेएनयू के बहाने असमानता की खाई को क्यों बढ़ाना चाहती है सरकार?

एक बार फिर जेएनयू खबर में है। जेएनयू का छात्र आंदोलन खबर में है। छात्रों ने संसद तक लॉन्ग मार्च किया। पुलिस ने रोका...

SIO करेगी दक्षिण भारत इतिहास सम्मेलन का आयोजन

नई दिल्ली। इतिहास अध्ययन का एक ऐसा क्षेत्र है, जो बार-बार शोध एवं प्रयोग के चरणों से गुज़रता रहता है। पिछली सदियों में विशाल...

मुसलमानों की उच्च शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करे सरकार – एसआईओ

स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया (SIO) और सेंटर फ़ॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (CERT) द्वारा संयुक्त रूप से शिक्षा संवाद 2023 का आयोजन किया गया। इस अभियान की शुरुआत 20 जून को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में हुई। बताया गया कि इस पहल का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त गंभीर मुद्दों, ख़ास तौर पर मुसलमान छात्रों की उच्च शिक्षा तक पहुंच, मौलाना आज़ाद नेशनल फ़ेलोशिप इत्यादि को‌ संबोधित करना है।

एसआईओ ने जारी किया छात्र घोषणा-पत्र; समावेशी शिक्षा और सामाजिक न्याय पर ध्यान देने...

17 फ़रवरी को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया (एसआईओ) ने छात्र घोषणा-पत्र जारी किया, जिसका उद्देश्य भारत में शिक्षा,...

भारतीय शिक्षा व्यवस्था और कहानी “6%” की

पिछले दो दशकों में भारत के शिक्षा क्षेत्र में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और नामांकन के मामले में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। इस विस्तार ने दो समस्याएं उत्पन्न कीं :- न्यायसंगत हिस्सेदारी (इक्विटी) और गुणवत्ता की कमी। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए  देश की शिक्षा व्यवस्था को उचित धन ख़र्च करने की आवश्यकता है। शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट इस दिशा में पहला क़दम हो सकता है।

गार्डिनर थ्योरी ऑफ मल्टीप्ल इंटेलीजेंस: हर छात्र है ख़ास

शिक्षण को अक्सर शिक्षक से छात्रों तक जानकारी के प्रवाह के रूप में समझा जाता है। यह मानव मन से निपटने की प्रक्रिया है...