जीवनशैली । ‘ इंसान के जीवन में भूतों का अस्तित्व ‘

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एक कार्यक्रम में तनाव प्रबंधन पर मेरा लेक्चर था,श्रोताओं का बड़ा समूह वहां आया हुआ था । उसी कार्यक्रम में अपने लेक्चर के दौरान एक जगह मैंने बताया कि आपको नकारात्मकता (जैसे टीवी प्रोग्राम, बेवज़ह की खबरें और सोशल मीडिया ) से दूर रहना चाहिए। क्योंकि हमारा मस्तिष्क जो चीज बार-बार देखता और सुनता है उसे सच मानने लग जाता है, जैसे कि ‘भूत’ को। हममें से किसी ने भी भूत को नहीं देखा है लेकिन हम उनके अस्तित्व को सत्य मानते हैं। अंधेरी सुनसान जगह पर या विरान घने जंगलों में जाने से हमें भूतों का डर रोकता है, जबकि हमने उन्हें कभी नहीं देखा होता है।
हमने बस उनके बारे में सुना है, कहानियों में, किस्सों में लेकिन हमारे मस्तिष्क ने उन्हें सत्य मान लिया। क्यों? क्योंकि, हमने उनके बारे में बार-बार सुना है ।
मेरी बात खत्म होने से पहले ही उनमें से एक व्यक्ति ने अपना हाथ उठाया और कहा कि, “सर! मैंने भूत को देखा है, इसलिए आप ऐसा नहीं कह सकते कि भूत नहीं होते हैं।” मैंने उनसे इस घटना के बारे में कि विस्तार से बताने को कहा ।
उसने कहा कि “जब मैं छोटा था लगभग 14 साल का। उस वक्त हमारे पड़ोसी की मृत्यु हुई जो कि मेरे पिता के अच्छे मित्र थे। उनकी मृत्यु के 3 या 4 दिन बाद एक रात मैं पेशाब करने के लिए घर से बाहर निकला, पेशाब करने के बाद मैं पलटा तो क्या देखता हूं कि पास वाले चबूतरे पर वह व्यक्ति जिनकी मृत्यु हो गई थी वहां बीड़ी पी रहे थे और जोर जोर से हँस रहे थे।”

मैंने उन्हें बैठने के लिए कहा और फिर सभी श्रोतागणों को संबोधित करते हुए कहा कि, “आज हमें भूतों के बारे में दो नई बातें पता चली हैं- एक तो यह कि वे बीड़ी पीते हैं और दूसरा यह की उनकी दुनिया में भी पान-बीड़ी की दुकान होती है, जहां से वे बीड़ी खरीदते हैं।” मेरे इतना कहते ही सब हंसने लगे और उनके मन से भूत का डर जो थोड़ी देर पहले उनके मन मस्तिष्क में घर करने लगा था (उस व्यक्ति की आपबीती सुनकर) ,खत्म हो गया ।

ऐसे ही एक बार एक महिला मेरे पास उसके बढ़े हुए रक्तचाप की समस्या लेकर आई जो कुछ दिन पहले ही सामने आई थी । मैंने उनसे पूछा कि,”क्या आपको कोई चिंता, तनाव या डर है? तो उन्होंने कहा कि मुझे एक रात को भूत दिखा था डॉक्टर साहब । मैंने पूछा कि, “आपने क्या देखा था मुझे बताइए।” उसने कहा कि “मैं रात में घर की छत पर खड़ी थी और हमारे घर से कुछ दूरी पर रेलवे ट्रैक है, जहां पर अक्सर लोग हादसे का शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं। मैंने देखा कि वहां पर एक बड़े कद काठी का आदमी सफेद रंग का कपड़े पहने चला जा रहा है और कुछ देर बाद वह मेरी आंखों से ओझल हो गया। मैं डर गई, भाग कर नीचे आई और पसीने पसीने हो गई। जब दूसरे लोगों ने वहां जाकर देखा तो उन्हें वहां कुछ नहीं मिला।”

मैंने उनकी बात सुनकर उनसे पूछा कि उस भूत या भूतनी ने क्या वाकई सफेद रंग के कपड़े पहन रखे थे? उसने कहा, “हां, मैंने उससे फिर पूछा, “क्या कपड़े सिले हुए थे? उसने कहा कि, “हां, शायद कुर्ता पजामा होगा या कुछ और।” मैंने उससे कहा कि आपकी बातों से मुझे लगता है कि भूतों की अपनी कपड़े फैक्ट्री भी होती है जहां पर उनके कपड़े तैयार होते हैं, और उनका दर्जी भी होता है जो उन्हें कुर्ते-पजामे या पेंट-शर्ट सिलाई कर के देता है। मेरे इतने कहने पर महिला हंसने लगी और उसके साथ आए उसके अटेंडेंट भी। उसका डर जा चुका था।
एक सवाल पूछते ही कई सारे जवाब मिल जाते हैं। हम सवाल ही नहीं पूछते तो जवाब कैसे मिलेगा। मेरा सवाल ही उसका उपचार था। भूतों के संबंध में हम यही करते हैं, सिर्फ डर जाते हैं और पुरानी भूतिया कहानियों में अपनी भी एक कहानी को जोड़ देते हैं।

हमारे सामने किसी मुर्दे के अंतिम संस्कार में उपयोग की गई वस्तुओं के अनुसार ही हमें भूत का कॉस्ट्यूम भी दिखता है। जैसे हिन्दू और मुस्लिम लोग भूत को सफेद रंग के कपड़ों में इमेजिन करते हैं, वहीं विदेशी इन्हें अधिकांशतः काले कपड़ों में !
भूतों की छवियाँ हमारे अवचेतन में बसे डरों के अनुसार ही उभरती हैं। भूतों के अस्तित्व को अधिकांशतः आस्तिक लोग ही स्वीकार करते हैं जबकि उनकी आस्था उन्हें बताती है कि ईश्वर ही सर्व शक्तिमान है तो फिर उसके होते उन्हें कौन नुकसान पहुंचा सकता है!
धर्म में आस्था रखने वालों को चाहिए की वो अपने ईश्वर पर विश्वास करें। उसकी इच्छा के बिना इस संसार में कोई क्रिया नहीं होती है और ना कोई हमें – आपको किसी प्रकार की हानि पहुंचा सकता है।

पुनः भूतों की दुनिया अगर है तो हम सबको क्यों नहीं दिखती? अगर भूत भी हमारी तरह एक सामाजिक प्राणी होते हैं, उनकी दुकाने होती हैं, उनकी फैक्टरीयां हैं, उनके स्कूल, उनके गुरु, उनके शिष्य, उनके लिए भोजन तैयार करने वाले बावर्ची भी होते होंगे। यह सब हमें क्यों नहीं दिखते? सिर्फ कुछ डरपोक और कुछ डराने वालों को ही क्यों दिखते हैं ये भूत प्रेत?
सवाल कीजिए और जवाब ढूंढिये। आप जवाब जानकर हँसने लगेगें और आपका डर भाग जाएगा।

-डॉ अबरार मुल्तानी

(लेखक आयुर्वेदिक चिकित्सक एवं कई महत्वपूर्ण किताबों के लेखक हैं)

1 COMMENT

  1. भूत की दुनिया, उनका बाज़ार हा हा हा हा……

    अब तो ऐसा लगता है भूत हमारा अदृश्य पड़ोसी है। डर नहीं लगता।

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