पिछले 5 दिनों से जामिया मिल्लिया इस्लामिया, फाइन आर्ट्स फैकल्टी के छात्र एक अनिश्चितकालीन धरने बैठे हैं। आखिर इनकी मांगे क्या है, ये क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं? जब हमारी इनसे बात हुई तो इन्होंने हमें बताया कि अभी तक प्रशासन के साथ इनकी जो बातचीत हुई है, उन सब में प्रशासन ने इनकी मांगे मानने से इंकार कर दिया। आख़िर इनकी क्या ऐसी मांग है जिससे प्रशासन बार-बार मुकर रहा है या कह लीजिए कि कन्नी काट कर भाग रहा है? आइए इनकी मांगो को ग़ौर से पढ़ते हैं;
- इनका कहना है कि एप्लाइड आर्ट्स विभाग के हेड इनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं, और छात्र छात्राओं पर अभद्र टिप्पणीयां करते है। जिसके चलते हेड ऑफ डिपार्टमेंट को हटवाने का छात्रों ने फैसला लिया।
- इनके विभाग में अच्छे योग्य टीचर्स नहीं है, गंभीर टी ये कि विभाग के पास फ़ैकल्टी स्टाफ़ की भी बहुत कमी है, महज़ एक ही स्टाफ़ है जिनके भरोसे ये लोग अपना समेस्टर गुजार देते है। जिसकी वज़ह से इनका भविष्य खतरे में है, उसी को देख कर इन्होंने ने फ़ैकल्टी स्टाफ की नई नियुक्ति के लिए अपना सुझाव रखा है।
- इनके साथ भेद-भाव की घटना आए दिन सामने आती रहती है, और यहाँ तक छात्रों को जो मार्क्स यानी अंक मिलते है वो भी इनके टैलेंट को देख कर नहीं बल्कि इनके चेहरे और व्यवहार की देख कर दिए जाते हैं, कुल मिला कर विभाग में फेयर मार्किंग नही होती है। यहाँ तक इनका कहना है इनके होनहार छात्र छात्राओं को जो गोल्ड मैडल फाइनल ईयर में मिलेगा वो भी इन्हें पता है किसको मिल सकता है।
अब ये देखना बहुत दिलचस्प होगा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन कब इनकी माँगो को पूरी करता है और छात्र कब तक धरने पर बैठे रहते है?
रिपोर्ट साभार: बिलाल नदीम (छात्र, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली)