ए.एम.यू. मामला; विरोध कर रहे छात्रों के गुट का नेतृत्व अजय सिंह और मुकेश लोधी कर रहे थे-रिपोर्ट

AMU स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद सलमान इम्तियाज़ का आरोप है कि रिपब्लिक की टीम बिना इजाज़त के कैंपस में घुसी थी इसके अलावा वो अपने कार्यक्रम में एएमयू को ‘आतंकवादियों का संस्थान’ कहकर संबोधित कर रही थी जिससे छात्र नाराज़ हो गए।

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  • 13 फरवरी 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में आया, जिसका मुख्य कारण था AMU के 14 छात्रों पर राजद्रोह का मुकदमा. आरोप है कि कैंपस में भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थक में नारे लगाए गए थे. मामले का संज्ञान लेते एसोसिएशन फॉर  प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (APCR) की एक टीम AMU पहुँच कर महत्वपूर्ण जानकारी इकठ्ठा करती है और एक रिपोर्ट तैयार करती है. जिसे हम अपने पाठकों के लिए यहाँ प्रकाशित कर रहे हैं.

क्या था मामला
एएमयू छात्रसंघ ने मंगलवार को सोशल साइंस फैकल्टी के कॉन्फ्रेंस हॉल में कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस कार्यक्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी को भी बुलाया गया था। एक दूसरा गुट काफी नाराज़ था और प्रदर्शन कर रहा था। जो आगे चल कर मारपीट में बदल गया।

विरोध कर रहे छात्रों के गुट का नेतृत्व अजय सिंह और मुकेश लोधी कर रहे थे। हालांकि डेलिगेशन ने इनसे मिलने का प्रयास किया था लेकिन किन्ही मामले के कारण इनसे मिल नही पायी।

दूसरी ओर AMU स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज से मालूम करने पर बताया कि अजय सिंह और मुकेश अपने समर्थकों के साथ हमारे कार्यक्रम का लगातार विरोध कर रहा था, हमने उसे शांत करने की पूरी कोशिश की लेकिन वो लोग लगातार अशान्त हो रहे थे और अंत मे उसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी के छात्रों को न सिर्फ पीटा बल्कि केम्पस में फायरिंग भी।
AMU स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद सलमान इम्तियाज़ का आरोप है कि रिपब्लिक की टीम बिना इजाज़त के कैंपस में घुसी थी इसके अलावा वो अपने कार्यक्रम में एएमयू को ‘आतंकवादियों का संस्थान’ कहकर संबोधित कर रही थी जिससे छात्र नाराज़ हो गए।

एएमयू प्रशासन की भूमिका
ख़बरो के अनुसार, एएमयू प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में बुधवार देर रात आठ छात्रों को निलंबित कर दिया था। जिसका विरोध भी छात्रों की ओर से किया जा रहा है छात्रों का आरोप है कि ये मामले को बैलेंसिंग करने वाला काम है जो अन्यायपूर्ण है क्योंकि एएमयू प्रशासन ने असल दोषियों के साथ निर्दोष छात्रों को भी निलंबित किया है।

फोटो जिसमे एक लड़का कैम्पस में रिवाल्वर लेकर आया था जिसपर फायरिंग करने का भी आरोप है उसके बाबत पूछने पर मालूम हुआ कि उसका नाम अजय सिंह है और एएमयू प्रशासन ने उसके खिलाफ सिर्फ मारपीट और अपशब्द बोलने जैसे आरोप के तहत एफआईआर करवाई है जो नाकाफी है।

पुलिस का रोल
भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता मुकेश लोधी की शिकायत के बाद छात्रों पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कैंपस में मंगलवार को भारत विरोधी नारेबाजी और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे। जिसके बाद पुलिस ने भ.द.स. 1860 की धारा 147, 148, 392, 307, 323, 504, 124 A, 153-A, 153-B के तहत 14 छात्रों के खिलाफ एफआईआर है। इस एफआईआर में एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज, सचिव हुजैफा आमिर, उपाध्यक्ष हमजा सूफियान और पूर्व छात्रसंघ सचिव नदीम अंसारी, जैद शेरवानी, मौ. नदीम, नवेद आलम, मशकूर अहमद, आरिफ त्यागी, जकी, रिहान, असद, फरहान ज़ुबैरी, नजमुल साखिब व अन्य है।

लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि के अनुसार एएमयू सर्कल में रिपोर्ट की गई घटना पर अब तक जुटाए सभी सबूतों के अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसके लिए राजद्रोह का मामला दर्ज़ किया जा सके, इसलिए राजद्रोह का मामला हटा दिया गया है।

लेकिन वही सलमान इम्तियाज का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने ये बात सिर्फ मौखिक कही है अभी तक लिखित में उन्होंने ऐसा कुछ नही दिया है जिससे हमें इत्मिनान हो कि वो सही कह रहे है या हम सेफ है।

वही पुलिस प्रशासन से अजय सिंह का कैम्पस में रिवाल्वर लेकर जाने के बाबत मालूम करने पर उन्होंने कहा कि ये उसकी लायसेंसी बंदूक थी इसलिए हम कुछ नही कर सकते।

लेकिन क्या कोई भी व्यक्ति अपने लायसेंसी हथियार केम्पस में खुलेआम ला जा सकता है इस सवाल के जवाब में वो सिर्फ खामोश रहे और मामले की लीपापोती करने की कोशिश की।
अलीगढ़ पुलिस के एसपी का कहना है कि AMU में पढ़ने वाले ऐसे ही आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 56 और छात्रों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट मांगा गया है और इन्हें भी जल्दी गिरफ्त में लिया जाएगा। जिससे साफ मालूम हो रहा है कि पुलिस की कार्यवाही एकतरफा ही हो रही है।

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