व्यक्तित्व विकास: महान जीवन के लिए ज़रूरी बदलाव

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Vyaktitwa

धरती पर मौजूद जीवो में सबसे महत्वपूर्ण जीव मनुष्य है जिसने पूरे संसार में अनेकों कारनामे अंजाम दिये हैं। सामाजिक प्राणी होने के कारण समाज के ताने-बाने, स्वस्थ समाज के निर्माण में उसके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। स्वस्थ समाज की परिकल्पना महान व्यक्तित्व के बिना नहीं किया जा सकता। संसार के महान व्यक्तियों की चर्चाएं जब हम करते हैं कुछ विशेषताएँ सभी में कॉमन पाते है।
(1) पहली विशेषता यह है कि वह व्यक्ति सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचता, उसकी सोंच उसके उद्देश्य उसकी आकांक्षाएं अपने व्यक्तित्व के बाहर होती हैं ऐसे व्यक्ति समाज के हर वर्ग, समुदाय, धर्म में पाए जा सकते हैं बड़े कॉज के लिए जीना उनका परम धर्म होता है इससे यह फायदा मिलता है की छोटी मोटी बाधाएं परेशानियां मनुष्य को विचलित नहीं करती, दिल परेशान नहीं होता बल्कि उस व्यक्ति के अंदर परिपक्वता बढ़ती जाती है। इसके साथ साथ जब व्यक्ति के अंदर सीखने और विकसित होने की दर अत्यधिक बढ़ जाती है और मनुष्य को जीवन की सच्ची खुशी प्राप्त होती है। लेकिन समाज में बहुत सारे बड़े अमीर लोग मिल जाएंगे जो यह कहते नहीं थकते कि हम इन्हीं बच्चों के लिए तो कमाते हैं हमारे पास इतनी सारी सम्पत्तियाँ अर्जित हो चुकी है यह तो बड़ी नादानी की बात है बल्कि हमारे कमाई का एक बड़ा हिस्सा दूसरों पर ख़र्च होना चाहिए अर्थात इन्फाक़ में।

(2) दूसरी विशेषता उस महान व्यक्ति में यह होती है वह दर्द को बर्दाश्त करता है। जब मनुष्य के शरीर में दर्द होता है वह फौरन दवाइयों का सेवन करके उससे छुटकारा प्राप्त कर लेता है, उसे दबा देता है बगैर यह सोंचे कि इस दर्द का कारण क्या था यह एक गलत परंपरा पिछले चार-पांच दशकों से शुरु हो गई है पहले के समय में दर्द की दवा नहीं खाई जाती थी बल्कि कारण जानकर उसके अनुसार उसका उपचार किया जाता था शरीर में दर्द होने का तात्पर्य है कि शरीर में कुछ गलत चल रहा है उसी प्रकार मनुष्य अपने मकसद को आगे बढ़ाता है उत्पन्न होने वाले समस्याओं को बर्दाश्त करता है उसका समाधान निकालने का प्रयास करता है इसे हम तज़किया से भी परिभाषित कर सकते हैं। गलतियों को सुधार कर अपने आप को सफलता के शिखर पर पहुंचाने का प्रयास करना अर्थात अपने पर गौर करना अपने आप को ठीक रखना एवं अपनी ज़ात पर काम करना सबसे महत्वपूर्ण काम है।

(3) तीसरी विशेषता जो कुछ महान व्यक्तियों में निहित होती है वह उसका व्यवहार, किरदार, शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य,अपने ऊपर काबू रखना, सब्र करना इत्यादि है।

जब यह तीनों विशेषताएं किसी व्यक्ति के अंदर पैदा हो जाए तो वह व्यक्ति किसी भी समुदाय से हो महान ही बनेगा और मॉडल समाज का निर्माण करेगा।

सालेहा ज़ीनत
सहरसा

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