विख्यात इस्लामी विद्वान और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वाली रहमानी का बीते शनिवार की सुबह में निधन हो गया। बोर्ड के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट कर यह दुखद सूचना साझा की। ट्वीट में लिखा गया, “जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी साहब नहीं रहे। यह पूरी मुस्लिम उम्मत के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। सभी से दुआओं की गुज़ारिश है।” बोर्ड ने सभी मुसलमानों से धैर्य बनाये रखने की भी अपील की। पवित्र क़ुरआन की सूरह अल-बक़राह की एक आयत का हवाला देते हुए ट्वीट में लिखा गया, “वास्तव में हम अल्लाह के हैं और उसी की तरफ़ हमें लौटना है।”
5 जून 1943 में मुंगेर (बिहार) में जन्मे मौलाना वली रहमानी जाने-माने इस्लामी विद्वान, शिक्षाविद और “रहमानी 30” के संस्थापक थे। वे 1974 से 1996 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। मौलाना बिहार, उड़ीसा व झारखंड के इमारत-ए-शरिया, अमीर-ए-शरियत के तौर पर भी अपनी ज़िम्मेदारियां निभा रहे थे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव के रूप में, उन्होंने शरिया के संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर बहुत से अभिमान चलाए और साथ ही बहादुरी से सरकार और मीडिया के भ्रामक प्रचार का सामना किया।
“रहमानी 30” मौलाना की एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने रहमानी फ़ाउंडेशन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, कमज़ोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले होनहार मुस्लिम नौजवानों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचाया और उच्च व्यावसायिक शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने आपको उत्कृष्ट शैक्षणिक सेवाओं के लिए एक मानद उपाधि से सम्मानित भी किया था।
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अमीर, जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि, “मौलाना वली रहमानी का जाना हिन्दुस्तानी मुसलमानों के लिए एक भारी क्षति है। उन्होंने मुश्किल और चुनौतीपूर्ण हालात का जिस हौसले के साथ सामना किया और जिस तत्परता से मुसलमानों की समस्याओं को हल करने की कोशिश की, उसके लिए वे हमेशा याद रखे जाएंगे।” उन्होंने कहा कि, “मौलाना ने जिस तरह से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में महिलाओं को बढ़ावा दिया और शरीयत की सुरक्षा के लिए महिलाओं के बीच एक आंदोलन खड़ा किया, वह भी उनकी एक बड़ी उपलब्धि है।”
स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाईज़ेशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमान अहमद ने कहा कि, “ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी का दुखद निधन हिन्दुस्तान के मुस्लिम समुदाय के लिए एक बड़ा नुकसान है। वह एक बहादुर नेता, प्रखर विद्वान और मुस्लिम एकजुटता के बहुत बड़े समर्थक थे।”