जंगली जानवरों पर प्लास्टिक प्रदूषण का दुष्प्रभाव

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प्लास्टिक प्रदूषण जंगली जीवो के जीवन को अत्यधिक प्रभावित कर रही है।
RSPCA के एक नए अनुसंधान में पता चला है कि प्लास्टिक का प्रदूषण जंगली जीवों के जीवन को बहुत नुकसान पहुंचा रही है। RSPCA के द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर प्लास्टिक प्रदूषण से प्रभावित जानवरों की संख्या अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। वेस्ट मिडलैंड में 4 वर्षों में घटित घटनाओं में 28% में बढ़ोतरी हुई है। प्लास्टिक की प्रदूषण के कारण जंगली जीवन या पालतू जानवरों को नुकसान पहुंचाने के 579 घटनाएं दर्ज की गई, इसकी सूचना 2018 में इंग्लैंड और वेल्ज में दी गई थी।
RSPCA के वाइल्ड लाइफ के मार्गदर्शन एडम गुरुगन
ने कहा प्लास्टिक प्रदूषण की घटनाओं में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी बताता है कि प्लास्टिक जानवरों के लिए बढ़ता हुआ खतरा है। हर वर्ष RSPCA स्तनधारी जानवरों, परिंदों, रेंगने वाले जानवरों की बढ़ती हुई जनसंख्या से निपटता है जो बेकार पड़े प्लास्टिक से किसी भी प्रकार से उलझे हुए हैं,या उससे प्रभावित है। प्लास्टिक फ्रेसबीज की गर्दन में काटने से गहरे प्रभावित जख्मों वाली मोहरों से लेकर मछली पकड़ने या जाल में फंसे हंसो और गेज तक, प्लास्टिक जानवरों की कल्याण पर सीधे तौर पर असर डाल रहा है।
प्लास्टिक प्रदूषण से प्रभावित जानवरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हो रही है इस समय पूरे संसार में प्लास्टिक प्रदूषण से 267 से अधिक प्रकार के प्रजाति प्रभावित है और 700 से अधिक प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है। इस रिसर्च से पता चलता है कि जल लिए परिंदे और समुद्री जानवर विशेष रूप से खतरे में है।
2018 में प्लास्टिक के कूड़े से मोहरों को चोट पहुंचाने की 28 घटनाएं सामने आई जबकि 2015 में केवल 5 घटनाएं थी। यह इस रिसर्च के बाद सामने आया कि जिसमें व्रतानवी पानियों में जांच की गई। सभी मुर्दा व्हेल, शील और डॉल्फिन में माइक्रो प्लास्टिक पाए गए। पिछले वर्ष इंडोनेशिया के समुद्री तट पर एक मुर्दा व्हेल अपने पेट मैं प्लास्टिक के 1000 से अधिक टुकड़े निकल गए थे। व्रतानिया के सरकार ने प्लास्टिक प्रदूषण पर एक विशेष रणनीति की मांग की। उनका कहना है कि नजर से बाहर, दिमाग से बाहर,गतिविधियां काम नहीं करेगी। एक नई पर्यावरणीय ऑडिट कमिटी की रिपोर्ट में पार्लियामेंट के सदस्यों ने समुद्र का प्लास्टिक की प्रदूषण से बचाने पर त्वरित कार्रवाई करने पर जोर दिया,रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले 10 वर्षों में प्लास्टिक प्रदूषण में 10 गुना बढ़ोतरी संभावना है।

✍️ तल्हा लतीफ

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