शेख़ वलीद के जज़्बे को सलाम!

शेख़ वलीद के सामने दो ही रास्ते थे, या तो वो अनदेखी कर परीक्षा देने जाएं या फिर इस घायल बुज़ुर्ग की जान बचाएं।

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शेख़ वलीद के जज़्बे को सलाम
खून में लथपथ एक बुज़ुर्ग को गोद में लेकर जा रहे इस नौजवान का नाम है शेख़ वलीद, फिजिक्स में MSc प. बंगाल निवासी वलीद अपनी आंखों में लेक्चरर बनने का सपना लेकर घर से State Eligibility Test परीक्षा के लिए निकले थे।

रास्ते में एक जगह भीड़ के बीच उन्हें एक घायल बुज़ुर्ग नज़र आया जिसे कोई टक्कर मारकर भाग निकल गया था, लोग मदद करने के बजाय भीड़ लगाए खड़े थे।

शेख़ वलीद के सामने दो ही रास्ते थे, या तो वो अनदेखी कर परीक्षा देने जाएं या फिर इस घायल बुज़ुर्ग की जान बचाएं।

शेख वलीद आगे बढ़े और घायल बुज़ुर्ग को गोद में उठाकर दो तीन किलोमीटर पैदल चलकर उस बुजुर्ग को नज़दीकी नर्सिंग होम में भर्ती कराया।

इसके बाद वो परीक्षा हाल पहुंचे तो देर हो चुकी थी, उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया।

शेख वलीद स्टूडेंट इस्लामिक आॅरगेनाइज़ेशन (SIO) से जुड़े हैं और साथ ही मिदनापुर के एस आई के अध्यक्ष भी हैं

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