MANUU में छात्रसंघ चुनाव की प्रकिया शुरू

छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए जो उनका वास्तविक अधिकार है। पुस्तकालय सुविधाओं में सुधार होना चाहिए। छात्रों के भीतर अकादमिक विषयों पर चर्चा और बहस के माहौल को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ पूरे परिसर के माहौल को एक सीखने के माहौल में बदल दिया जा सकता है

0
1292

मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद में छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनावी रैली में बोलते हुए, अध्यक्ष पद के उम्मीदवार, शेख़ उमर फ़ारूक़ ने कहा कि “वह छात्रसंघ चुनाव राजनीति में सकारात्मक बदलाव की भावना से लड़ रहे हैं, किसी लाभ के लिए नहीं। विश्वविद्यालय में स्वार्थ की राजनीति को समाप्त करके एक स्वच्छ राजनीति की स्थापित करना चाहते हैं जो विश्वविद्यालय और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।”

उन्होंने कहा कि “छात्रों की आकांक्षाओं को पूरा करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। वे छात्रों की सभी समस्याओं को हल करेंगे और राष्ट्र के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने का भी प्रयास करेंगे। क्रांति छात्रों के साथ शुरू होती है और 2019 के छात्रसंघ चुनावों में, छात्र एक नई ताक़त बनकर देश की राजनीति में एक नई भावना पैदा करेंगे।”

क्षेत्रवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि “यदि देश के सभी मुसलमानों ने भारत की स्वतन्त्रता में बलिदान दिया है तो विश्वविद्यालय में क्षेत्रीयता को कैसे बर्दाश्त किया जाएगा? हमारा उद्देश्य कैंपस में छात्रों के बीच क्षेत्रीयता को ख़त्म करके छात्रों में एकता पैदा करना है और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, 2017 में, विभिन्न छात्र संगठनों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने मिलकर आज़ाद यूनाइटेड स्टूडेंट फेडरेशन (AUSF) की नींव रखी थी। इस बार भी एयूएसएफ पैनल पूरे ज़ोरों से चुनावी मैदान में है।”

उन्होंने कहा कि हमारा मक़सद “मूल्यों पर आधारित राजनीति” है, जिसका मतलब है कि हमें योग्य उम्मीदवारों का चयन क्षेत्र और विभाग के आधार पर मतदान करने की बजाय क्षमता के आधार पर करना चाहिए ताकि एक स्वच्छ और पारदर्शी नेतृत्व मौजूद हो जिससे छात्रों को फ़ायदा हो। वे व्यक्तिगत लाभ के लिए अपनी आवाज़ न उठाएं। साथ ही, हमने नारा दिया है ‘अकादमिक सक्रियता’ जिसका अर्थ है कि मानु (MANUU) में शैक्षिक वातावरण की गुणवत्ता परवान चढ़े। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए जो उनका वास्तविक अधिकार है। पुस्तकालय सुविधाओं में सुधार होना चाहिए। छात्रों के भीतर अकादमिक विषयों पर चर्चा और बहस के माहौल को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ पूरे परिसर के माहौल को एक सीखने के माहौल में बदल दिया जा सकता है, जहाँ छात्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार्स में मानु (MANUU) का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

हमारा पैनल (AUSF) इन महत्वाकांक्षाओं और प्रेरणाओं के साथ आपके पास आया है और हम आशा करते हैं कि आप हमारी यूनियन बनाने और AUSF का हिस्सा बनकर 19 सितंबर को मतदान करके एक नया बदलाव लाएंगे। यह साबित करेगा कि मानु (MANUU) के छात्र नकारात्मक और गंदी राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे और उन्हें मानु (MANUU)में पनपने का कोई अवसर नहीं देंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here